| Candidate Name |
तेजस्वी यादव |
| State |
Bihar |
| Party |
I.N.D.I.A |
| Constituency |
Raghopur |
| Candidate Current Position |
Leader of Opposition |
तेजस्वी प्रसाद यादव लालू और राबड़ी देवी के नौ भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया है। तेजस्वी यादव लगभग एक दशक के राजनीतिक अनुभव के बाद समझदारी से राजनीति की चुनौतियों को संभालना सीख चुके हैं। 2013 में तेजस्वी ने क्रिकेट छोड़कर राजनीति के कठिन मैदान में कदम रखा। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने आधिकारिक रूप से राजनीति में प्रवेश किया और मात्र 26 साल की उम्र में उपमुख्यमंत्री बन गए।
विरासत और भाई बने चुनौती
तेजस्वी यादव लालू परिवार की परंपरागत सीट राघोपुर से मैदान में हैं। बड़े भाई तेजप्रताप यादव लालू परिवार से अलग होकर अपने लिए नई राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। तेजप्रताप भी कुछ सीटों पर राजद के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं। तेजस्वी यादव की सबसे बड़ी कमजोरी उनकी राजनीतिक विरासत है। तेजस्वी लालू यादव की छाया में ही अभी तक पले-बढ़े हैं। विपक्षी दल हर बार लालू यादव के दौर के जंगल राज का जिक्र सभाओं में करते हैं तो तेजस्वी को इस छाया से बाहर आना होगा।
राजनीतिक सफर
तेजस्वी यादव का प्रारंभिक जीवन एक क्रिकेटर के रूप में शुरू हुआ। तेजस्वी ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से पढ़ाई की, लेकिन कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा नहीं दी और क्रिकेट को अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने झारखंड और दिल्ली की अंडर-19 टीमों के लिए खेला और आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा भी रहे। विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलना उनके खेल जीवन की उपलब्धियों में शामिल है। हालांकि, क्रिकेट में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद उन्होंने राजनीति की ओर रुख किया। उन्होंने 2010 से ही चुनावी प्रचार शुरू कर दिया था, लेकिन 2015 में 25 साल की उम्र में तेजस्वी ने अपना पहला चुनाव लड़ा जब जेडीयू और आरजेडी ने साथ मिलकर सरकार बनाई।
तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनावों में राजद के प्रचार अभियान की पूरी कमान संभाली और पार्टी को 75 सीटों पर जीत दिलाई। यह प्रदर्शन भाजपा (74 सीटें) और जदयू (43 सीटें) से बेहतर था, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता पर मुहर लगी। उन्होंने बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और नोटबंदी जैसे मुद्दों को चुनावी मंच पर प्रमुखता से उठाया और युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की।
2025 के चुनाव में महागठबंधन में मुख्यमंत्री का चेहरा
2015 से 2025 तक, उनकी राजनीतिक यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन इस बार उनके पास खुद को साबित करने का एक महत्वपूर्ण मौका है क्योंकि उन्हें बिहार में महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया गया है। तेजस्वी यादव का राजनीतिक सफर आसान नहीं था। जब सरकार बीच में गिर गई, तो तेजस्वी ने बिहार विधानसभा में सबसे कम उम्र के विपक्षी नेता (एलओपी) के रूप में नई जिम्मेदारी संभाली। अगस्त 2022 में, महागठबंधन के गठन के बाद आरजेडी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ, वह फिर से उपमुख्यमंत्री बने, इस बार नीतीश कुमार के साथ, लेकिन 2024 में नीतीश ने भाजपा का दामन थामा। इससे तेजस्वी का कार्यकाल फिर से समाप्त हो गया।
राघोपुर सीट का क्या है गणित
राघोपुर विधानसभा सीट को लालू फैमिली का गढ़ माना जाता रहा है। लालू यादव ने इस सीट पर 1995 और 2000 में जीत हासिल की थी। वहीं, उनकी पत्नी राबड़ी देवी इस सीट से 3 बार विजयी रहीं। लालू-राबड़ी के छोटे बेटे तेजस्वी 2015 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस बार भी राजद ने तेजस्वी यादव पर ही दांव खेला है। बीजेपी ने राघोपुर सीट से सतीश कुमार यादव को मैदान में उतारा है। ये वही सतीश कुमार यादव हैं, जिन्होंने 2010 के चुनाव में राबड़ी देवी को 13,006 वोटों के अंतर से चुनाव हराकर बड़ा सियासी उलटफेर कर दिया था।
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे
तेजस्वी यादव पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप भी लगा। यह मामला उनके पिता के रेल मंत्री रहते हुए जमीन के बदले नौकरी देने से जुड़ा था। 2017 में ईडी ने उनसे नौ घंटे तक पूछताछ की। इस विवाद के चलते नीतीश कुमार ने राजद से गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना ली। इससे तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा।
स्कूल दोस्त से की है शादी
तेजस्वी यादव ने 9 दिसंबर 2021 को रेचल गोडिन्हो से विवाह किया, जो शादी के बाद राजश्री यादव के नाम से जानी जाती हैं। दोनों की दोस्ती स्कूल के दिनों से रही है।