Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

पर्यावरण पर कविता : धरती पर फैले हरियाली

हमें फॉलो करें पर्यावरण पर कविता : धरती पर फैले हरियाली
- प्रभात गुप्त
 
बहुत लुभाता है गर्मी में,
अगर कहीं हो बड़ का पेड़।
निकट बुलाता पास बिठाता
ठंडी छाया वाला पेड़।
 
तापमान धरती का बढ़ता
ऊंचा-ऊंचा, दिन-दिन ऊंचा
झुलस रहा गर्मी से आंगन
गांव-मोहल्ला कूंचा-कूंचा।
 
गरमी मधुमक्खी का छत्ता
जैसे दिया किसी ने छेड़।
 
आओ पेड़ लगाएं जिससे
धरती पर फैले हरियाली।
तापमान कम करने को है
एक यही ताले की ताली
 
ठंडा होगा जब घर-आंगन
तभी बचेंगे मोर-बटेर
 
तापमान जो बहुत बढ़ा तो
जीना हो जाएगा भारी
धरती होगी जगह न अच्‍छी
पग-पग पर होगी बीमारी
 
रखें संभाले इस धरती को
अभी समय है अभी न देर।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

राहुल गांधी ने साधा केंद्र पर निशाना, बोले- करोड़ों लोगों के बेरोजगार होने के लिए सरकार जिम्मेदार