विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना। क्योंकि प्रकृति के बिना मानव जीवन कुछ भी नहीं है। मनुष्य कितना ही लग्जरी जीवन क्यों नहीं जिएं, राहत की सांस, सुकून और शांति वह प्रकृति से जुड़कर ही महसूस करेगा। बदलते दौर में लोगों का प्रकृति के प्रति पे्रम बढ़ा है। लोग अपने घरों की छत पर गार्डनिंग करने लगे हैं, घर पर ही जितनी जगह है उसमें ही पेड़- पौधे लगा रहे हैं, जो फ्रेश ऑक्सीजन के लिहाज से बेहद जरूरी भी है।
आइए जानते हैं कैसे इस दिन की शुरुआत हुई
सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित पर्यावरण सम्मेलन चर्चा में आया था। इसके बाद इस दिन को हर साल मनाया जाने लगा। 5 जून 1974 से यह पूरी तरह से लागू हुआ। हर साल एक नई थीम के साथ इस दिवस को मनाया जाता है।
जानिए 2021 की थीम क्या है?
विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम है पारिस्थितिकी तंत्र बहाली। यानी पृथ्वी को एक बार फिर से अच्छी अवस्था में लाना। इस बार उन गतिविधियों पर जोर दिया जाएगा जिससे दुनिया की पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से कायम कर सकें। प्राकृतिक प्रतिक्रियाओं और उभरती हुई हरित तकनीकों पर जोर दिया जाएं।
वो दौर अब आ चुका है कि सभी को पर्यावरण के प्रति अति जागरूक होना चाहिए। उसे जितना कम कष्ट या नुकसान पहुंचाएंगे वह उतना शांत रहेगी। प्राकृतिक चीजों का सम्मान करना जरूरी हो गया है। कूड़ा करके प्रकृति को किसी भी प्रकार से गंदा नहीं करें। साइकिल का इस्तेमाल करें। यह प्रकृति और सेहत दोनों के लिहाज से अच्छा है।
पर्यावरण के प्रति मंथन
- मैं खुश हूँ कि मैं ऐसे भविष्य में, युवा नहीं होऊंगा जिसमे जंगल ना हों - आल्डो लियोपोल्ड
- अगर हम पर्यावरण का नाश करेंगे, तो हमारे पास समाज भी नहीं बचेगा - मार्गरेट मीड
- पक्षी पर्यावरण के संकेत हैं। यदि वे खतरे में हैं तो हम जानते हैं कि, हम भी जल्द ही खतरे में होंगे - रोजर टोरी पीटरसन
- मैं प्रकृति, जानवरों में, पक्षियों में और पर्यावरण में ईश्वर को प्राप्त कर सकता हूं - पैट बकले
- पृथ्वी हमारी नहीं हम पृथ्वी के हैं - चीफ सिएटल
- पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं - महात्मा गांधी