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विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम और महत्व

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WD Feature Desk

, बुधवार, 28 मई 2025 (16:18 IST)
vishva paryavaran divas 2025 ki theme: हर साल 5 जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस न केवल एक जागरूकता अभियान है, बल्कि यह एक वैश्विक आंदोलन है जो हमें हमारे पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपने ग्रह को कैसे बचा सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
 
विश्व पर्यावरण दिवस की थीम
इस वर्ष, विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम है "प्लास्टिक प्रदूषण को हराना" (Beat Plastic Pollution)। यह थीम हमें यह समझने में मदद करती है कि प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर कितना गंभीर प्रभाव डाल रहा है। हर साल, लगभग 11 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा हमारे समुद्रों में पहुंचता है, जिससे समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को खतरा होता है।
 
इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी दक्षिण कोरिया गणराज्य कर रहा है। यह देश पहले भी 1997 में इस आयोजन की मेजबानी कर चुका है। दक्षिण कोरिया ने प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं, जैसे कि प्लास्टिक के उपयोग को सीमित करना, पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना और एक सर्कुलर इकोनॉमी की ओर बढ़ना।
 
प्लास्टिक प्रदूषण: एक वैश्विक संकट
प्लास्टिक प्रदूषण अब हमारे जीवन के हर पहलू में प्रवेश कर चुका है। माइक्रोप्लास्टिक हमारे भोजन, पानी और यहां तक कि हमारे शरीर में भी पाए जा रहे हैं। यह न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन चुका है। यदि हम अभी कदम नहीं उठाते, तो आने वाले वर्षों में यह संकट और भी गंभीर हो सकता है।
 
इस वर्ष का अभियान हमें यह सिखाता है कि प्लास्टिक प्रदूषण को हराने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। यह केवल सरकारों या संगठनों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर व्यक्ति को अपने स्तर पर योगदान देना होगा। कुछ सरल कदम जैसे कि सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का उपयोग कम करना, पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना इस दिशा में मदद कर सकते हैं।
 
आप कैसे योगदान दे सकते हैं?
  • शिक्षा और जागरूकता: अपने समुदाय में प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाएं।
  • व्यक्तिगत प्रयास: अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक के उपयोग को कम करें और पुनर्चक्रण को अपनाएं।
  • सामूहिक गतिविधियां: स्थानीय सफाई अभियानों में भाग लें और दूसरों को भी प्रेरित करें। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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