नई दिल्ली। मोदी सरकार ने हवाई सफर करने वाले यात्रियों को डिजि यात्रा (Digi Yatra) की सौगात दी है। सबसे पहले इसका फायदा दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी एयरपोर्ट से सफर करने वाले यात्रियों को मिलेगा। पहले घरेलू विमानों पर इसके तहत प्रवेश दिया जाएगा। बाद में अंतरराष्ट्रीय विमानों में भी डिजि यात्रा की सुविधा दी जाएगी। इसके दूसरे फेज की शुरुआत मार्च, 2023 में होगी।
DIGI Yatra क्या है : Digi Yatra एक डिसेंट्रलाइज्ड मोबाइल वॉलेट बेस्ड आइडेंटिटी प्लेटफॉर्म है। इसमें प्राइवेसी और डाटा प्रोटेक्शन का विशेष ध्यान रखा गया है। डिजी यात्रा फाउंडेशन (DYF) एक पैन इंडिया यूनिट और पैसेंजर आईडी वेलिडेशन प्रोसेस का कस्टोडियन होगा। इसे 2019 में कंपनी अधिनियम, 2013 (Companies Act, 2013) की सेक्शन 8 के तहत एक संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में स्थापित किया गया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के पास DYF 26 प्रतिशत शेयर हैं, जबकि 74 प्रतिशत शेयर बेंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई और कोच्चि में हवाई अड्डों के निजी ऑपरेटरों के पास हैं।
कैसे करें रजिस्ट्रेशन : आप डिजियात्रा ऐप को प्ले स्टोर या अन्य किसी ऐप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। ऐप डाउनलोड करने के बाद आधार से जुड़ा अपने मोबाइल नंबर डालें। इस नंबर पर एक ओटीपी आएगा। इस ओटीपी को डालकर रजिस्ट्रेशन करें। अपना आधार कार्ड अटैच करें। इसके बाद अपनी एक सेल्फी लेकर ऐप पर अपलोड कर दें। फिर अपना बोर्डिग पास अपडेट करें।
क्या होगा फायदा : डिजि यात्रा से यात्रियों को कागजातों और लाइनों से तो छुटकारा मिलेगा ही। साथ ही एंट्री, सुरक्षा जांच और बोर्डिंग गेट से होते हुए कम समय में आसानी से टर्मिनल भवन पहुंचा सकेगा। यात्री एयरपोर्ट में कहां है इसकी जानकारी एयरलाइन को होगी। डीजी यात्रियों के लगेज के लिए अलग काउंटर होगा। यहां से लगेज विमान तक पहुंचा दिया जाएगा।
डिजि यात्रा पूरी तरह से आधार के साथ लिंक्ड है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्यवाही चल रही है, तो इसकी जानकारी तुरंत हो जाएगी। अगर किसी पर यात्रा प्रतिबंध लगाया गया है तो इसका भी पता चल जाएगी।
आपका चेहरा ही अब होगा बोर्डिंग पास : डीजी यात्रा ने यात्रियों को कागजात से आजादी दे दी। Facial Recognition System (FRS) आधारित इस व्यवस्था में पैसेंजर का चेहरा ही उसका बोर्डिंग पास होगा। एप पर रजिस्ट्रेशन के बाद यात्री के बोर्डिंग पास उसके मोबाइल में आ जाएगा। टर्मिनल में प्रवेश करते ही यात्री की जानकारी एयरलाइंस और सुरक्षा एजेंसियों के पास होगी। मुख्य प्रवेश द्वारा पर बार कोड स्कैन करने के बाद यात्री को सभी द्वार पर कैमरे की ओर देखने होगा।
दुनिया के 109 देश अपना रहे हैं फेस रेकगनिशन तकनीक : निगरानी उद्देश्यों के लिए दुनिया में 109 देश फेस रेकगनिशन तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। इस तकनीक का उपयोग पुलिस द्वारा इंटरनल डेटाबेस के लिए और चुनाव तथा हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए आईडी सत्यापन के एक घटक के रूप में भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
Edited by : Nrapendra Gupta