लेफ्टिनेंट जनरल निर्भय शर्मा : प्रोफाइल
अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल और भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल रह चुके निर्भय शर्मा का जन्म 1946 में उत्तरप्रदेश के लखनऊ में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के निजी स्कूल से हुई।इसके बाद उन्होंने लखनऊ के आर्मी स्कूल में दाखिला ले लिया। इसके बाद उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से मिलिट्री साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन तथा डिफेंस स्टडी में एम-फिल की उपाधि प्राप्त की। 1966
में निर्भय शर्मा ने महज 20 साल की उम्र में भारतीय सेना को कमांडर के रूप में ज्वॉइन कर लिया। इन्होंने भारतीय सेना के सबसे तेजतर्रार फील्ड कमांडर माना जाता था। उन्होंने ज्यादातर कश्मीर तथा नॉर्थ-इस्ट राज्यों में सेना की कमान संभाली।इन्होंने कश्मीर में कई लड़ाइयां लड़ीं और भारत के लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों में भी देश की सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।कश्मीर में हर समय कई तरह की लड़ाइयां देख चुके निर्भय शर्मा का स्लोगन था- जवान और अवाम, अमन है मुकाम। सेना की इस मुहिम ने राज्य में शांति-व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। निर्भय शर्मा सेना के युवा कमांडर होने के कारण 1971 में हुई लड़ाई में भारतीय थलसेना के साथ हवाई हमले करने वाले समूह के लीडर बने। इसके बाद ढाका में प्रवेश करने वाली भारतीय सेना की पहली टुकडी बनी। निर्भय शर्मा भारतीय-चीन सीमा की एक बटालियन के कमांडर भी रह चुके हैं। वे चीन के साथ पूर्वोतर राज्यों में आतंकवाद विरोधी अभियान तथा चीन के साथ मंत्री स्तर की प्रतिनिधिमंडल की वार्ता की हिस्सा भी रह चुके हैं। आर्मी हेडक्वार्टर में डायरेक्टर जनरल रहते हुए हेडक्वार्टर को नए सिरे से संगठित करने तथा आर्मी मिशन 2020 को शुरू करने का श्रेय निर्भय शर्मा को जाता है। भारतीय सेना में 40 सालों तक अहम योगदान देने वाले जनरल शर्मा को यूपीएससी का सदस्य बनाया गया। इसके साथ वे यूपीएससी के लिए साक्षात्कार कमेटी और सिविल सेवा में जाने वाले अभियर्थियों के चुनाव समिति के सदस्य भी रह चुकें हैं। इन्हें इंडियन सिविल सर्विस विभाग में परीक्षा कमेटी तथा इससे संबंधित कई विभाग में सलाहकार पद के लिए ऑफर किया गया था।डिफेंस स्टडी में एमफिल होने के कारण वे ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली के फैलो भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वे डिफेंस संबंधी कई शोध संस्थानों के सदस्य रह चुके हैं और इनके भारतीय सेना तथा सिविल सर्विसेज संबंधी बहुत सारे शोधपत्र भी प्रकाशित हो चुकी है। मई 2013 में निर्भय शर्मा अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए। इनकी शादी ज्योत्स्ना शर्मा (सामाजिक कार्यकर्ता) से हुई और उनके एक पुत्र अभय शर्मा और पुत्री नूपुर शर्मा (एक पत्रकार) हैं।