भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर्ड ऑफिसर और गोवा के राज्यपाल भारत वीर वांचू का जन्म 15 अक्टूबर 1951 को पुणे में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा पुणे तथा नई दिल्ली में पूरी हुई जिसके बाद उन्होंने ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में दाखिला ले लिया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
भारत वीर ने अपने करियर की शुरुआत आईबी (भारतीय इटेलिजेंस ब्यूरो) से की। 1982 के नवंबर-दिसंबर में हुए 9वें एशियन खेलों के दौरान, मार्च 1983 के दिल्ली में आयोजित 7वें गुट-निरपेक्ष आंदोलन समिट और नवंबर में हुए कॉमनवेल्थ गेम के दौरान प्रमुख सरकारों की दिल्ली बैठक में की गई सुरक्षा व्यवस्था में उनकी मुख्य भूमिका थी।
भारत वीर 2004 में अभिजात्य विशेष वर्ग समूह के मुखिया बनने से पूर्व दो बार इस समूह के संस्थापक सदस्य रह चुके हैं। इन्हें देश सहित विदेशों में भी कई वीवीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था को संभालने का मौका मिल चुका है। कुल मिलाकर भारत वीर को वीवीआईपी तथा प्रमुख स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था करने का 18 सालों से ज्यादा का अनुभव है।
भारत वीर ने सबसे ज्यादा खेलों तथा विदेशी स्थानों पर हुए कार्यक्रमों व बैठकों की सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली है। सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी द्वारा अपने बैच के सभी आईपीएस अधिकारियों में से सबसे अच्छे घुड़सवार के लिए उन्हें टोंक कप का पुरस्कार दिया गया। भारतीय पुलिस सेवा में उनके बेहतरीन योगदान को देखते हुए 1993 में भारतीय पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।
2001 में उन्हें सरकार की ओर से राष्ट्रपति ने पुलिस मेडल सम्मान से सम्मानित किया, वहीं 1992 में नॉर्थ-ईस्ट में बेहतरीन योगदान के लिए पुलिस मेडल तथा 2011 में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप में योगदान देने के लिए पुलिस मेडल (स्पेशल ड्यूटी) पुरस्कार से नवाजा गया।
भारत वीर ने 17 सालों के भारतीय इटेलिजेंस ब्यूरो में अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने तकनीक सुरक्षा व्यवस्था जैसे कि साइबर सुरक्षा जैसे विभागों में भी कार्य किया है। 4 मई 2012 को केंद्र सरकार ने उन्हें देश का सबसे युवा राज्यपाल बनाकर गोवा भेजा।