नई दिल्ली। भावजीत सिंह का 53 साल पुराना सोवियत काल का ट्रैक्टर मंगलवार को निकली परेड का हिस्सा था और शोरूम से निकले नए ट्रैक्टरों के साथ शान से चल रहा था। सिंह ऑस्ट्रेलिया स्थित सिडनी में आईटी क्षेत्र की नौकरी से ब्रेक लेकर ट्विटर पर भारत के किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे हैं।
उनके परिवार में 1968 मॉडल का डीटी-14 ट्रैक्टर है, जो रूस में बना था। कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों द्वारा निकाली गई परेड में शामिल हुआ यह ट्रैक्टर सबसे पुराने ट्रैक्टरों में से एक था। सिंह ने कहा कि मेरा परिवार इसे पिछले 25 साल से इस्तेमाल कर रहा है। स्टीयरिंग व्हील को छोड़कर इसके सभी पार्ट मौलिक हैं।
अमरिंदर सिंह का महिंद्रा बी-275 ट्रैक्टर पहली बार 1970 में सड़क पर उतरा था। पंजाब के तरण तारण जिले के रहने वाले अमरिंदर ने कहा कि मेरे पिता ने इसे 1978 में खरीदा था, जब मेरा जन्म हुआ था। मेरे गांव में लगभग सभी ने एक बार इसका इस्तेमाल किया है। ट्रैक्टर का रंग जरूर फीका पड़ गया है लेकिन इसके पार्ट अच्छी स्थिति में हैं। मंगलवार को अमरिंदर ने अपने वाहन की धुलाई की और दिल्ली ले जाने से पहले माला पहनाई।
परेड में शामिल होने वाले गजराज सिंह अपने जॉन डेरे 4020 ट्रैक्टर पर सवार थे, जो 1964 में बाजार में आया था। पंजाब के जालंधर जिले के रहने वाले 32 वर्षीय गजराज ने कहा कि हमारे पास एक ही कंपनी के 3 ट्रैक्टर हैं लेकिन इसकी बात ही निराली है। अकालप्रीत सिंह अपने एचएमटी 5911 ट्रैक्टर पर सवार होकर और 'स्पीकर पर रंग दे बसंती चोला' गीत बजाते हुए जीटी करनाल रोड पर परेड में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मेरे पिता गुरनाम सिंह ने इसे 1981 में खरीदा था। उस समय यह 80,000 रुपए का था। अब इसकी कीमत लगभग 8 लाख रुपए है। (भाषा) (सांकेतिक चित्र)