नई दिल्ली। कृषि कानूनों की निंदा करने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार के ट्वीट पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने कहा कि कानून के बारे में 'अनभिज्ञता व गलत जानकारी' दोनों का मिलाजुला रूप देखने को मिल रहा है और उम्मीद जताई कि 'तथ्यों' को जानने के बाद वयोवृद्ध नेता अपना रुख बदल लेंगे।
पवार ने शनिवार को किए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खरीद को बुरी तरह प्रभावित करेंगे और मंडी व्यवस्था को कमजोर करेंगे।
संप्रग सरकार के दौरान कृषि मंत्री रहते हुए इन सुधारों के लिए आवाज उठा चुके पवार का ट्वीट ऐसे समय आया जब केंद्र और 41 प्रदर्शनकारी किसान संगठनों में बातचीत को लेकर गतिरोध बना हुआ है।
राकांपा नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तोमर ने कहा कि पवार दिग्गज नेता हैं और माना जाता है कि वे कृषि संबंधी मामलों और उनके समाधान के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं।
तोमर ने ट्वीट किया कि पवार खुद पूर्व में ये कृषि सुधार लाने की कोशिश कर चुके हैं। चूंकि वे विषय पर अनुभव व विशेषज्ञता के साथ बोलते हैं, ऐसे में उनके ट्वीट में कृषि सुधारों को लेकर अज्ञानता व गलत जानकारी के मिलेजुले रूप को देखकर चिंता हुई। इस अवसर पर मुझे कुछ तथ्य रखने का मौका दें।”
मंत्री ने पवार के ट्वीट का सिलसिलेवार ट्वीट कर जवाब दिया। पवार ने कहा था कि संशोधित आवश्यक वस्तु (ईसी) अधिनियम से यह आशंका है कि कॉरपोरेट सस्ती दरों पर वस्तुएं खरीदकर उनका भंडारण कर लेंगे तथा और भी ज्यादा कीमत पर उपभोक्ताओं को बेचेंगे।
इस पर तोमर ने अपने ट्वीट में कहा कि इस आशंका का कोई आधार नहीं है। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केंद्र सरकार युद्ध, अकाल, असाधारण रूप से कीमतों में वृद्धि और गंभीर प्राकृतिक आपदा की स्थिति में हस्तक्षेप कर सकती है।
उन्होंने कहा कि नए कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए एक सुविधाजनक व अतिरिक्त चैनल प्रदान करते हैं। किसान इसके माध्यम से कहीं पर भी, किसी को भी राज्य के भीतर अथवा बाहर, बिना किसी परेशानी के अपनी उपज बेच सकता है। इससे किसान को अपनी उपज के बेहतर और लाभकारी मूल्य प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि इससे मौजूदा एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) प्रणाली प्रभावित नहीं होती।
मंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था में मंडियां प्रभावित नहीं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके स्थान पर मंडियां अब सेवा और अधोसरंचना के संदर्भ में ज्यादा प्रतिस्पर्धी और किफायती साबित हो सकेंगी और दोनों व्यवस्थाएं किसानों के हित के लिए एक साथ समान रूप से क्रियाशील रहेंगी।
तोमर ने कहा कि पवार एक वरिष्ठ नेता हैं, मुझे लगता है कि उनके सामने तथ्य गलत तरीके से पेश किए गए हैं। अब जब उन्हें सही तथ्यों की जानकारी हो गई है, तो मुझे लगता है कि कृषि सुधारों के प्रति वे अपना रवैया बदलेंगे और किसानों को भी इसके लाभ से अवगत कराएंगे। (भाषा)