Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Kisan Andolan : BJP की चुनौती- किसानों के लिए कांग्रेस सरकार ने क्या किया और मोदी सरकार ने क्या, बहस कर लें राहुल गांधी

हमें फॉलो करें Kisan Andolan : BJP की चुनौती- किसानों के लिए कांग्रेस सरकार ने क्या किया और मोदी सरकार ने क्या, बहस कर लें राहुल गांधी
, गुरुवार, 24 दिसंबर 2020 (22:31 IST)
नई दिल्ली। भाजपा ने केंद्र पर राहुल गांधी के आरोपों को गुरुवार को ‘निराधार और तर्कहीन’करार देते हुए उन्हें चुनौती दी कि वे इस बारे में खुली बहस कर लें कि कांग्रेस ने सत्ता में रहने के दौरान किसानों के लिए क्या किया और मोदी सरकार ने क्या किया है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने किसानों के हितों की अनदेखी की तथा अनाज के सस्ते दाम सुनिश्चित कर उन्हें गरीब बनाए रखने का काम किया, लेकिन मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के माध्यम से किसानों को उचित दाम उपलब्ध कराने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को क्रियान्वित कर उन्हें सशक्त बनाया है।
भाजपा नेता ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को 9 करोड़ किसानों के खाते में 18,000 करोड़ रुपए हस्तांतरित करेंगे जिसके साथ ही किसानों के खाते में अब तक सीधे जमा की गई राशि 1.20 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह महज शुरुआत है। यह 10 साल तक जारी रहेगी और योजना सात लाख करोड़ रुपए की है।
 
जावड़ेकर ने कहा कि इसके विपरीत कांग्रेस जब सत्ता में थी तो उसने किसानों का केवल 53,000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया और यह धन किसानों को नहीं दिया गया, बल्कि उनके कर्ज के रूप में बैंकों को दिया गया।
 
उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस और राहुल गांधी को खुली बहस की चुनौती देता हूं। मैं साबित कर दूंगा कि कांग्रेस ने किस तरह हमेशा किसानों के हितों की अनदेखी की और किस तरह मोदी ने उन्हें सशक्त किया। किसानों ने अपने उत्पाद के लिए हमेशा उचित मूल्य की मांग की, लेकिन कांग्रेस ने यह कभी पूरी नहीं की। उन्होंने कि कि आज साफ हो गया कि किसान के कंधे पर बन्दूक रख कर कांग्रेस अपनी राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस ने किसानों को कभी लाभकारी मूल्य नही दिया, वह आज किसानों के हित की बात करने का ढोंग कर रही है। इससे पहले गांधी ने आरोप लगाया था कि 'भारत में कोई लोकतंत्र'  नहीं है और यह ‘केवल कल्पना में’मौजूद है।
 
इस बीच, कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से मुलाकात की और केंद्र के नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाने की मांग की।
 
गांधी ने राष्ट्रपति से मिलने के बाद पत्रकारों से कहा कि किसान (दिल्ली की सीमाओं पर डटे) तब तक वापस नहीं लौटेंगे जब तक ये कानून निरस्त नहीं हो जाते। सरकार को संसद का संयुक्त सत्र आहूत करना चाहिए तथा इन कानूनों को निरस्त करना चाहिए। 
 
जावड़ेकर ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की इस मांग पर कहा कि जब संसद का सत्र चल रहा होता है तब तो कांग्रेस सदस्य इसमें बाधा डालते हैं और चर्चा में भाग नहीं लेते। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों से वार्ता के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं और विश्वास है कि समाधान निकल आएगा।
 
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि पूरे देश को छोड़िए, कांग्रेस ही उन्हें गंभीरता से नहीं लेती कि वह क्या कहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी यदि कसानों को लेकर इतने ही चिंतित रहते तो जब उनकी पार्टी सत्ता में थी तब वह कुछ उनके लिए कर सकते थे।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा से किसानों के खिलाफ रही है। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में राहुल गांधी ने कहा था कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आएगी तो वह कृषि उत्पाद विपणन समिति की व्यवस्था को खत्म करेगी, बगैर मंडी कर के व्यापार सुनिश्चित करेगी और अनुबंध खेती को बढ़ावा देगी।
 
उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने 2019 में झूठ बोला था या अभी बोल रहे हैं। कांग्रेस को इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
 
वहीं, भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार पर उनके ‘निराधार और तर्कहीन’ आरोप उनकी प्रकृति के अनुरूप हैं।उन्होंने गांधी को ‘हताश और व्यथित’ व्यक्ति करार दिया।
 
गांधी के इस आरोप पर कि सरकार अपने आलोचकों पर ‘राष्ट्र विरोधी’होने का आरोप लगा देती है, त्रिवेदी ने जवाबी हमला करते हुए कहा कि विपक्षी दल ने किसानों के जाने-माने नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह पर ‘देशद्रोह’ का आरोप लगाया था और उन्हें जेल भी भेजा था।
उन्होंने कहा कि चौधरी साहब की सरकार को बर्खास्त करने वाले, उन्हें धोखा देने वाले, उन्हें जेल में डालने, उनके लिए अपशब्द कहने वाले अगर कहते हैं कि हम किसानों के साथ खड़े हैं, तो किसान भाइयों से निवेदन है कि इनकी फितरत को पहचानिए।’’
 
उन्होंने पूछा कि गांधी केरल में किसानों के लिए आंदोलन क्यों नहीं कर रहे हैं जहां कृषि उत्पाद विपणन समिति कानून नहीं है। गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं। त्रिवेदी ने कहा कि केरल में जो अच्छा है, वह दिल्ली में बुरा है, यह स्वीकार नहीं किया जा सकता। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Kisan Andolan : प्राकृतिक चिकित्सा को तरजीह दे रहे सिंघू बॉर्डर पर डटे किसान