Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

राकेश टिकैत की गुजरात में हुंकार, कहा- यहां के किसान डरे हुए हैं...

हमें फॉलो करें राकेश टिकैत की गुजरात में हुंकार, कहा- यहां के किसान डरे हुए हैं...
, सोमवार, 5 अप्रैल 2021 (21:28 IST)
हेतल कर्नल, गुजरात से
 
किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने गुजरात में किसान ट्रैक्टर आंदोलन शुरू करने की धमकी देते हुए सोमवार को कहा कि राज्य की राजधानी गांधीनगर का घेराव करने का समय आ गया है और जरूरत पड़ी तो बैरिकेड भी तोड़ेंगे।

टिकैत ने कहा कि गुजरात के किसान डरे हुए हैं। हम उनका डर भगाने आए हैं। गुजरात में हम अलग अलग किसान संगठनो से बात करेंगे। अभी मेरा 2 दिन गुजरात प्रवास है उसके बाद दूसरे कार्यक्रम आयोजित कए किए जाएंगे।
ALSO READ: पश्चिम बंगाल : तीसरे चरण में होंगे 31 सीटों पर चुनाव, 205 उम्मीदवार मैदान में
गुजरात के किसानों की आत्महत्या के बारे में टिकैत ने कहा कि गुजरात के किसान डरे हुए है, हम उनका डर भगाने आए हैं। साबरमती आश्रम के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए टिकैत ने दावा किया कि गुजरात के किसान खुश नहीं हैं और त्रस्त हैं।
ALSO READ: फिर मंडराया Lockdown का खतरा! PM मोदी ने बुलाई मुख्यमंत्रियों की बैठक
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सैकड़ों किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांग है कि सरकार इन कानूनों को निरस्त करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए।

प्रदर्शनकारी किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली थी। टिकैत ने कहा कि किसान अपने ट्रैक्टरों का उपयोग करके गुजरात में आंदोलन करेंगे। गांधीनगर के घेराव और सड़कों को अवरुद्ध करने का समय आ गया है। यदि जरूरत पड़ी तो हम बैरिकेड भी तोड़ेंगे।

भाकियू के नेता तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रचार करने के लिए रविवार से गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं। यात्रा के दूसरे दिन, टिकैत ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के साथ साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
 
टिकैत ने कहा कि यहां आंदोलन न होने से किसान त्रस्त हैं। किसानों को यह कहने को मजबूर किया जाता है कि वे खुश हैं और लाभ कमा रहे हैं। कृपया हमें भी वह तकनीक दें जो गुजरात के किसानों को लाभ कमाने में मदद कर रही है। उन्होंने दावा किया कि बनासकांठा के किसान 3 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से आलू बेचने को मजबूर हैं।
 
गुजरात के लिए भावी योजना के बारे में पूछने पर टिकैत ने कहा कि क्या यह किसानों को खुश करने के लिए पर्याप्त है? हम यहां किसानों के मन से डर निकालने आए हैं। हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करेंगे। बाद में, टिकैत और वाघेला आणंद जिले के करमसद शहर पहुंचे और सरदार वल्लभभाई पटेल को उनके पैतृक स्थान पर श्रद्धांजलि दी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पश्चिम बंगाल : तीसरे चरण में होंगे 31 सीटों पर चुनाव, 205 उम्मीदवार मैदान में