जयपुर। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने राजस्थान के धान का कटोरा कहे जाने वाले गंगानगर हनुमानगढ़ इलाके में 2 किसान महापंचायत कर हुंकार भरी। इन महापंचायतों में किसान, मजदूर, महिलाएं व युवाओं की भारी भीड़ उमड़ी, जहां पार्टी के नेता परंपरागत कुर्सी-सोफों के बजाय चारपाइयों और सरकंडों से बने मोढ़ों पर बैठे नजर आए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के समर्थन में किसानों से संवाद करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को सूरतगढ़ पहुंचे। उन्होंने पहली सभा हनुमानगढ़ जिले में उस कालीबंगा कस्बे के पास की जहां सिंधु घाटी सभ्यता और मानव सभ्यता में सबसे पहले जुते हुए खेत के अवशेष मिले।
कांग्रेस ने पीलीबंगा कस्बे में इस सभा को किसान महापंचायत नाम दिया। इसमें मंच पर पारंपरिक कुर्सी या सोफों के बजाए चारपाइयां, जिन्हें स्थानीय भाषा में मांची कहा जाता है, लगी थीं। राहुल सहित सभी नेता इन चारपाइयों पर बैठे।
वहीं इसके बाद राहुल की किसान महापंचायत श्रीगंगानगर जिले के पदमपुर कस्बे में की। यहां भीड़ पीलीबंगा से भी ज्यादा थी और मंच पर कुर्सी सोफे के बजाए सरकंडों से बने कुर्सीनुमा 'मोढ़े' रखे गए, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर गांव-गुवाड़ों में किया जाता है।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि सभा को अनौपचारिक रूप देने के लिए यह पहल की गई ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ाव महसूस कर सकें। पार्टी के मंच पर भी 'कांग्रेस का हाथ किसान के साथ' नारे लिखे हुए थे और सभाओं में राहुल गांधी का स्वागत भी प्रतीकात्मक 'हल' देकर किया गया।
इससे पहले सूरतगढ़ हवाई अड्डे पर पहुंचने पर राहुल गांधी की अगवानी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने की। राहुल गांधी सड़क मार्ग से ही पीलीबंगा व सूरतगढ़ गए। इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत व प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा उनके साथ एक ही वाहन में रहे। राहुल एक-दो जगह रास्ते में स्वागत के लिए खड़े पार्टी कार्यकर्ताओं व अन्य लोगों से मिलने भी रुके।
राहुल गांधी शनिवार को किशनगढ़ पहुंचेंगे। वह सुरसुरा में लोक देवता तेजाजी महाराज मंदिर के दर्शन करेंगे व किसानों से संवाद करेंगे। इसके बाद अजमेर जिले के रूप रूपनगढ़ में किसानों से संवाद करेंगे। उनकी नागौर में गोपाल गौशाला मकराना में किसान सभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है।(भाषा)