नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा बनाए नए कृषि कानूनों के विरोध में बीते लंबे समय से सडक़ों पर उतर के अपनी जमीनें बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे किसानों के संघर्षों को कुचलने हेतु केंद्र की मोदी और हरियाणा की खट्टर सरकार अनेकों हथकंडे अपना रही हैं, परंतु दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों के हक में फैसला लेकर पूरे प्रदर्शन में नई जान डाल दी है।
भाजपा की हरियाणा और केंद्र सरकारों ने सभी अमानवीय तरीके इस्तेमाल करते हुए किसानों को दिल्ली में दाखिल होने से रोकने की असफल कोशिश की, परंतु दूसरी ओर केजरीवाल सरकार ने किसानों की जायज मांगों का समर्थन करते हुए उनके रहने, खाने-पीने आदि की हर सुविधा देने का वायदा कर दिया। केंद्र की मोदी सरकार के अधीन काम कर रही दिल्ली पुलिस ने हक मांगते अन्नदाताओं को जेलों में डालने के लिए केजरीवाल सरकार से स्टेडियमों को जेलों में बदलने की इजाजत मांगी थी।
केजरीवाल सरकार की ओर से साफ इनकार किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने किसानों के समक्ष अपने घुटने टेकते हुए उनको दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत दे दी। केंद्र की भाजपा सरकार जो सुरक्षाबलों की ताकत का इस्तेमाल कर किसानों के आंदोलन को कुचलना चाहती थी, उसे केजरीवाल सरकार ने असफल कर दिया। अब भाजपा वाले मुंह दिखाने लायक नहीं रहे।
केजरीवाल सरकार के समर्थन में आने के बाद किसानों के संघर्ष को भरपूर समर्थन मिला है। केजरीवाल की ओर से अन्नदाताओं की हरसंभव मदद किए जाने के ऐलान के बाद दिल्ली के सभी विधायक अपना-अपना फर्ज समझते हुए किसानों के खाने-पीने और रहने के प्रबंध करने में जुट गए हैं। देर रात भी दिल्ली के कई मंत्री और विधायक किसानों के रहने, खाने-पीने के प्रबंध को देखने के लिए निजी तौर पर मौजूद रहे।
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को किसानों के लिए पीने का पानी मुहैया करवाने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिसके बाद दिल्ली जल बोर्ड टैंकरों के द्वारा प्रदर्शन स्थल पर जाकर पानी का प्रबंध कर रही है। दिल्ली सरकार पूरी तरह से किसानों के आंदोलन के साथ है और पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायक भी बिना किसी सियासी हित के किसान जत्थेबंदियों के झंडे तले आंदोलन में डटे हुए हैं। कल भी आम आदमी पार्टी पंजाब के विधायकों ने मोदी की रिहायश के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस ने उनके साथ धक्कामुक्की करते हुए उन्हें थाने में बंद कर दिया।