भारतीय किसान यूनियन द्वारा सिसौली के किसान भवन में मासिक पंचायत का आयोजन किया गया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम किसानों के साथ हैं, किसानों के हक के लिए छाती पर भी गोली खाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। लगता है किसान आंदोलन टिकैत परिवार के किसी सदस्य की कुर्बानी चाहता है।
चौधरी राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि पूंजीपतियों के गैंग ने भारतीय जनता पार्टी को अपने काबू में कर लिया है। जिसके चलते यह सरकार किसान से उसकी जमीन और रोटी छीनना चाहती है। संयुक्त को तोड़ने का काम सरकार कर रही है, पंजाब में तीन मोर्चे बना दिए गए। राकेश टिकैत ने सभी किसान एक है, कोई तकरार नहीं है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि जो भी चैनल किसानों के विरोध में अपनी आवाज मुखर करता है, डिबेट दिखाता है, उसका बॉयकॉट करते हुए देखना बंद कर दें।
टिकैत ने कहा कि रविवार में मंत्रियों और पंजाब के किसानों वार्ता पुनः होने जा रही है, यदि यह वार्ता विफल होती है और शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों का उत्पीड़न होता है तो दिल्ली दूर नही है।
21 फरवरी को पूरे देश के किसान जिला मुख्यालय पर ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर प्रदर्शन करेंगे। पंजाब के किसानों की मांगें नहीं मानी जाती तो 26 और 27 फरवरी में उत्तराखंड से लेकर दिल्ली गाजीपुर-बॉर्डर तक, नेशनल हाईवे पर किसानों के ट्रैक्टरों की कतारें दिखाई देंगी।
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने पंचायत में कहा कि हाईवे पर ट्रैक्टर खड़ा करने का प्रस्ताव पहले संयुक्त किसान मोर्चा को भेजा जाएगा। मोर्चा की स्वीकृति अंतिम निर्णय होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार से हमारा कोई मतभेद नहीं है, किसी तरह का टकराव नहीं चाहते हैं, सरकार यदि चाहे तो सब सही हो सकता है। नरेश टिकैत ने कहा कि हम पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ हैं। हम राजनीति नहीं करते है, किसान स्वतंत्र है वह अपनी मर्जी से किसी भी पार्टी को वोट दे सकते हैं।