Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Farmers Protest : जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन का 38वां दिन, कब तक जारी रहेगा किसानों का विरोध, गेंद मोदी सरकार के पाले में

डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को लगाई फटकार

हमें फॉलो करें Dallewal

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

चंडीगढ़ , गुरुवार, 2 जनवरी 2025 (19:46 IST)
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने गुरुवार को कहा कि यह केंद्र के हाथ में है कि उनका विरोध कब तक जारी रहेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी मांगों को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए क्योंकि एक संसदीय समिति ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी देने की सिफारिश की है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के 38वें दिन कोहाड़ ने कहा कि उनका स्वास्थ्य हर रोज बिगड़ता जा रहा है और उन्होंने किसानों के हित के लिए अपना जीवन दांव पर लगा दिया है। यह पूछे जाने पर कि खनौरी और शंभू बॉर्डर पर उनका विरोध कब तक जारी रहेगा, कोहाड़ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह केंद्र के हाथ में है। अगर वे हमारी मांगें पूरी करते हैं...।’’
 
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार को यह कहे जाने पर कि कुछ किसान नेता जमीनी स्तर पर स्थिति को और अधिक जटिल बनाने के लिए मीडिया में गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, कोहाड़ ने कहा कि उन्होंने अभी अदालत की टिप्पणियों का अवलोकन नहीं किया है। उन्होंने खनौरी में कहा कि आज की कार्यवाही का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है...। 
हालांकि, कोहाड़ ने कहा कि किसान नेता केवल डल्लेवाल की भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं कि केंद्र को किसानों से किए गए वादे पूरे करने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम हमेशा संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करते हैं।
 
हाल की एक घटना का जिक्र करते हुए कोहाड़ ने कहा कि डल्लेवाल ने अपने गंभीर स्वास्थ्य और कुछ मिनटों के लिए बेहोश होने के बावजूद किसानों के मामले की सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत की कार्यवाही में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़ने की पेशकश की।
 
उन्होंने कहा कि हमने केवल इतना कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को केंद्र को निर्देश देना चाहिए कि जब एक संसदीय समिति ने भी एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की सिफारिश की है, तो केंद्र सरकार को इसे लागू करना चाहिए।’’ कोहाड़ ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि किसानों से किए गए वादे पूरे हों।’’
 
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं।
 
कोहाड़ ने कहा कि डल्लेवाल जी के अनशन का 38वां दिन है। एक वरिष्ठ नेता ने अपना जीवन दांव पर लगा दिया है। 4 जनवरी को किसानों के ‘दर्शन’ की उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए खनौरी में किसानों की एक बड़ी सभा बुलाई गई है जिसमें वह एक महत्वपूर्ण संदेश देंगे।’’
 
यह पूछे जाने पर कि क्या डल्लेवाल चिकित्सा सहायता लेंगे, कोहाड़ ने कहा कि ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है कि उन्हें ‘ड्रिप’ लगाई जाएगी। सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जसकरन सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार की एक टीम द्वारा पिछले कुछ दिनों में डल्लेवाल से मुलाकात करने और खनौरी में किसान नेताओं के साथ चर्चा किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कोहाड़ ने कहा कि एक बार कुछ ठोस सामने आने के बाद दोनों किसान संगठन अपना रुख स्पष्ट करेंगे।
 
कोहाड़ ने कहा कि डल्लेवाल का वजन काफी कम हो गया है, उनके रक्तचाप में उतार-चढ़ाव हो रहा है और लंबे समय तक अनशन के कारण किडनी और लिवर सहित अन्य स्वास्थ्य मापदंडों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
 
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब सरकार से कहा कि उसके अधिकारी और कुछ किसान नेता मीडिया में यह गलत धारणा बना रहे हैं कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने की कोशिश की जा रही है।
 
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि वह स्पष्ट करती है कि अदालत ने कभी भी डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने का निर्देश नहीं दिया, बल्कि वह केवल उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है और चाहती है कि उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए।
 
शीर्ष अदालत ने डल्लेवाल की ओर से दायर एक नयी याचिका पर केंद्र को नोटिस भी जारी किया, जिसमें केंद्र सरकार को फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित वादों का पालन करने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है।
इस बीच, कुछ अन्य राज्यों के किसान नेता डल्लेवाल के समर्थन में खनौरी पहुंचे और मीडिया से बातचीत के दौरान किसान नेता लखविंदर सिंह औलख ने उनका परिचय कराया। किसान संगठन ‘ऑल फार्मर्स एसोसिएशन, तमिलनाडु’ के नेता पी आर पांडियन ने कहा कि सभी किसान एकजुट हैं और किसानों की मांगों के समर्थन में डल्लेवाल की भूख हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं।
 
कर्नाटक के किसान नेता शांताकुमार ने कहा कि पंजाब के किसान देश के स्वतंत्रता आंदोलन की तरह ही अपना आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र से मुद्दे का तुरंत समाधान करने की मांग की। इनपुट भाषा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

DigiYatra data कितना सुरक्षित, डिजी यात्रा डेटा को कौन करता है मैनेज, क्या Income Tax Department के पास है इसका एक्सेस, सामने आया सच