Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्या थे 3 कृषि कानून? जिसे लेकर किसान पिछले 1 साल से आंदोलनरत थे

हमें फॉलो करें क्या थे 3 कृषि कानून? जिसे लेकर किसान पिछले 1 साल से आंदोलनरत थे
, शुक्रवार, 19 नवंबर 2021 (11:39 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आज तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। इसे लेकर पिछले 1 साल से किसान आंदोलनरत थे। आइए जानते हैं कि ए तीनों कृषि कानून क्या थे?
 
पहला कृषि कानून- कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक 2020। इसके अनुसार किसान मनचाही जगह पर अपनी फसल बेच सकते थे। इतना ही नहीं, बिना किसी अवरोध के दूसरे राज्यों में भी फसल बेच और खरीद सकते थे। कोई भी लाइसेंसधारक व्यापारी किसानों से परस्पर सहमत कीमतों पर उपज खरीद सकता था। कृषि उत्पादों का यह व्यापार राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए मंडी कर से मुक्त किया गया था।
 
दूसरा कृषि कानून- किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 था। यह कानून किसानों को अनुबंध खेती करने और अपनी उपज का स्वतंत्र रूप से विपणन करने की अनुमति देने के लिए था। इसके तहत फसल खराब होने पर नुकसान की भरपाई किसानों को नहीं बल्कि एग्रीमेंट करने वाले पक्ष या कंपनियों द्वारा की जाती।
 
तीसरा कानून- आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम। इस कानून के तहत असाधारण स्थितियों को छोड़कर व्यापार के लिए खाद्यान्न, दाल, खाद्य तेल और प्याज जैसी वस्तुओं से स्टॉक लिमिट हटा दी गई थी।
 
गौरतलब है कि इन्ही तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर 2020 को संसद से पास कराया गया था। इसके बाद से लगातार किसान संगठनों की तरफ से विरोध कर इन कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही थी। किसान संगठनों का तर्क था कि इस कानून के जरिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म कर देगी और उन्हें उद्योगपतियों के रहमोकरम पर छोड़ देगी जबकि सरकार का तर्क था कि इन कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र में नए निवेश का अवसर पैदा होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी। सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बाद भी इस पर सहमति नहीं बन पाई। किसान दिल्ली की सीमाओं के आसपास आंदोलन पर बैठकर इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पीएम मोदी की घोषणा के बाद राकेश टिकैत का बड़ा ऐलान, आंदोलन खत्म करने के लिए रखी यह शर्त