एक जमाना था जब बेटी के पैदा होते ही माँ उसका दहेज बनाना शुरू कर देती थी। यहाँ तक कि जोड़ा भी पहले से ही तैयार करके रख लिया जाता था। पर आज जमाना बदल गया है आज की गोरी आधुनिक हो गई है और उसके माता-पिता भी कुछ ऐसा करना चाहते हैं।
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शादी का जोड़ा तो विशेष होता है और इस जोड़े के लिए अगर कुछ ज्यादा भी खर्च करना पड़े तो गुरेज नहीं होती। अब डिजाइनर ही यह सोचेगा कि शादी-रात की है या दिन की।
उसी अनुसार वह सही रंग, शैली और कपड़ों का चुनाव करता है। जेवर, मैचिंग फुटवियर्स, हैंडबैग, व्यक्तिगत वस्त्र इत्यादि भी वह उन्हीं के अनुसार तय करता है। अपनी शान बढ़ाने के लिए आप मँहगे विदेशी ब्राँड की अतिरिक्त सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आजकल लड़कियाँ शादी तय होने के बाद शादी की तैयारी की शुरुआत के लिए सिर्फ अच्छे और किफायती डिजाइनर की तलाश करतीं हैं। जो उन्हें फैशनेबल कपड़े उनकी मनमाफिक कीमत पर दिला सके। फिर यह डिजाइनर की जिम्मेदारी है कि वह कैसे और क्या सिलेक्ट करता है।