जेम्स रोड्रिगेज के छह गोल की बदौलत कोलंबिया ने जब 2014 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी तो रेडामेल फलकाओ उस टीम का हिस्सा नहीं थे। मोनाको के इस 32 वर्षीय स्ट्राइकर के पास अब अपनी छाप छोड़ने का मौका है।
कोलंबिया के कप्तान फलकाओ के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती टीम को पोलैंड के खिलाफ रविवार को होने वाले मैच से पहले जापान के खिलाफ मिली 1-2 की शिकस्त से उबारने की है। कल के मैच में हार जोस पेकरमैन की टीम को विश्व कप से बाहर का रास्ता दिखा देगी।
घुटने की चोट के कारण ब्राजील में हुए विश्व कप की टीम से बाहर हुए फलकाओ ने कहा, ‘आज हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हम जीतने के लिए बाध्य हैं। हमें जीतने के लिए हरसंभव प्रयास करना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमें अब दो टीमों के खिलाफ खेलना है और ये मैच हमारे लिए फाइनल की तरह होंगे, या तो वे आगे बढ़ेंगे या हम।’
टूर्नामेंट में खराब शुरुआत के बाद हालांकि कोलंबिया के लिए आगे की राह आसान नहीं होगी। कोलंबिया की टीम अधिकांश मैच में 10 खिलाड़ियों के साथ खेली और जापान को कड़ी टक्कर देने में सफल रही लेकिन युया ओसाको ने 73वें मिनट में गोल दागकर जापान को दक्षिण अमेरिकी देश पर पहली जीत दिलाई और चार साल पहले इस टीम के खिलाफ 1-4 की हार का बदला भी चुकता कर दिया।
दूसरी तरफ पोलैंड को भी अपने पहले मैच में सेनेगल के खिलाफ 1-2 से हार झेलनी पड़ी और उसकी नजरें भी टूर्नामेंट में पहली जीत दर्ज करने पर टिकी होंगी। फलकाओ पहले ही बार्यन म्यूनिख के रोबर्न लेवानदोवस्की से टीम को खतरा जता चुके हैं। उन्होंने कहा है कि पोलैंड का यह स्ट्राइकर किसी भी समय विरोधी टीम को ध्वस्त कर सकता है।
फलकाओ ने मोनाको टीम के अपने साथी कामिल ग्लिक की भी तारीफ की जिनके बायें कंधे में चोट के बाद पोलैंड के डिफेंस में वापसी करने की उम्मीद है जो सेनेगल के खिलाफ उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया। (भाषा)