मॉस्को। रूस में चल रहे फीफा विश्वकप फुटबॉल टूर्नामेंट में आत्मघाती गोलों की संख्या तेजी से आगे बढ़ रही है और इस टूर्नामेंट में विश्वकप का आत्मघाती गोलों का नया रिकॉर्ड बन सकता है। रूस विश्वकप में अब तक पांच आत्मघाती गोल हो चुके हैं जबकि 17 मैच ही खेले गए हैं।
एक विश्वकप में सर्वाधिक आत्मघाती गोलों का रिकॉर्ड 1998 में फ्रांस में हुए टूर्नामेंट में बना था जब छ: आत्मघाती गोल हुए थे। मौजूदा विश्वकप में मंगलवार को एक ही दिन दो मैचों में आत्मघाती गोल हुए थे।
कल दक्षिण अफ्रीकी टीम सेनेगल के खिलाफ पोलैंड के तियागो सियोनेक ने 37वें मिनट में आत्मघाती गोल कर सेनेगल को बढ़त दी थी। सेनेगल ने फिर यह मैच 2-1 से जीता था। इसके बाद दिन के दूसरे मैच में रूस ने मिस्र के खिलाफ आत्मघाती गोल से बढ़त बनाई और 3-1 से यह मैच जीता।
मिस्र के अहमद फतही ने यह आत्मघाती गोल किया। इससे पहले मोरक्को के अजीज बोहादोज ने ईरान के खिलाफ निर्धारित समय के बाद इंजरी समय में आत्मघाती गोल किया था जिससे ईरान ने यह मैच 1-0 से जीत लिया था।
ऑस्ट्रेलिया के अजीज बेहिच ने फ्रांस के खिलाफ 1-2 की हार में 81वें मिनट में आत्मघाती गोल किया जबकि नाइजीरिया की क्रोएशिया के हाथों 1-0 की हार में ओगेनेकारो इटेबो ने 32वें मिनट में आत्मघाती गोल किया। चार साल पहले ब्राजील में हुए विश्वकप में पांच आत्मघाती गोल, 2010 के विश्वकप में दो आत्मघाती गोल, 2006 के विश्वकप में चार आत्मघाती गोल और 2002 के विश्वकप में तीन आत्मघाती गोल हुए थे। (वार्ता)