निजनी नोवगोरोद। स्विट्जरलैंड ने मौजूदा विश्व कप में अपने खिलाड़ियों के गोल का जश्न मनाने के विवादास्पद तरीके से सुर्खियां बटोरी हैं लेकिन कल यहां टीम के पास प्री क्वार्टर फाइनल में स्वीडन के खिलाफ इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी करने का मौका होगा।
व्लादिमीर पेतकोविच की टीम अगर सेंट पीटर्सबर्ग में स्वीडन को हरा देती है तो पिछले 64 साल में फुटबॉल की इस सबसे बडी़ प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली स्विट्जरलैंड की पहली टीम बन जाएगी। अगर सर्बिया के खिलाफ टीम के खिलाड़ियों के ‘ डबल ईगल ’ जश्न को छोड़ दिया जाए तो टीम ने अब तक टूर्नामेंट में प्रभावित किया है।
कप्तान स्टीफन लिचस्टेनर की अगुआई में टीम एकजुट रहने में सफल रही है जबकि वेलोन बेहरामी और जरदान शकीरी की बदौलत टीम ग्रुप ई से आगे बढ़ने में सफल रही जिसमें खिताब का प्रबल दावेदार ब्राजील भी शामिल था। स्विट्जरलैंड की टीम रूस में अब तक अजेय रही है और प्रत्येक मैच में टीम ने गोल दागा है।
पिछले दो साल में टीम के प्रदर्शन में एकमात्र दाग पिछले साल अक्टूबर में पुर्तगाल के खिलाफ मिली हार है। स्विट्जरलैंड की टीम ने पिछली बार 1954 में विश्व कप क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी जब देश 16 देशों के इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रही था।
टीम हालांकि अंतिम आठ के मुकाबले में 3-0 की बढ़त बनाने के बावजूद ऑस्ट्रिया के खिलाफ 5-7 से हार गई थी। स्विट्जरलैंड को अगर अब इस प्रदर्शन की बराबरी करनी है तो स्वीडन की चुनौती से पार पाना होगा।
स्विट्जरलैंड के डिफेंस ने अब तक प्रभावित किया है लेकिन टीम स्वीडन के खिलाफ अपने मुख्य डिफेंडर लिचस्टेनर और फाबियान शाएर के बिना उतरेगी क्योंकि इन दोनों को लीग चरण के दौरान दो-दो पीले कार्ड दिखाए गए। इन दोनों का अनुभव टीम के लिए काफी फायेमंद रहा है क्योंकि इन दोनों को टीम की ओर से मिलकर 150 से अधिक मैच खेलने का अनुभव है।
सर्बिया के खिलाफ 2-1 की जीत के दौरान राजनीति से प्रेरित जश्न के लिए लिचस्टेनर के अलावा शकीरी और ग्रेनित जाका पर फीफा ने जुर्माना लगाया था। स्वीडन के खिलाफ मैच में लिचस्टेनर और शाएर के विकल्प के तौर पर योहन जोराउ और माइकल लैंग को उतारा जा सकता है।
स्वीडन और स्विट्जरलैंड की टीमें 2002 से आपस में नहीं भिड़ी है इसलिए ऐसा कोई संकेत नहीं है कि कल के मैच में किसी टीम का दबदबा रहने की संभावना है। स्विट्जरलैंड के पास हालांकि यह इतिहास रचने का मौका होगा। (भाषा)