मॉस्को। दुनिया के तीन देशों अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा में वर्ष 2026 का फुटबॉल विश्वकप संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा जो फीफा टूर्नामेंट के इतिहास में पहला मौका होगा।
रूस की मेजबानी में गुरुवार से हो रहे फीफा विश्वकप की पूर्व संध्या पर यहां अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) कांग्रेस ने एक साथ तीन देशों को मेजबान के तौर पर चुना। हालांकि मोरक्को पांचवीं बार मेजबानी से चूक गया।
उत्तरी अमेरिकी मेजबान देश को समर्थन में 134 मत मिले जबकि मोरक्को 65 मतों के साथ हार गया। एक कांग्रेसी सदस्य ने किसी के लिए वोट नहीं किया। वर्ष 2026 का फीफा टूर्नामेंट पहला विश्वकप होगा जिसमें मौजूदा 32 टीमों के प्रारूप की जगह 48 टीमों को उतारा जाएगा।
फीफा कांग्रेस के सामने सभी दावेदारों को मॉस्को एक्सपोसेंटर में 15-15 मिनट की प्रस्तुति देने के लिए कहा गया था। उत्तरी अमेरिकी देशों ने साथ ही दावा किया कि उनकी मेजबानी में विश्वकप में 11 अरब डॉलर का फायदा होगा जबकि मोरक्को ने पांच अरब डॉलर तक की कमाई का ही वादा किया।
यह पहला मौका है जब तीन देशों की मेजबानी में संयुक्त रूप से फुटबाल विश्वकप का आयोजन किया जाएगा। विश्वकप के अधिकतर मैच हालांकि अमेरिका में होंगे। टूर्नामेंट में कुल 80 मैच खेले जाएंगे जिसमें से 10 कनाडा, 10 मैक्सिको और 60 मैच अमेरिका में होंगे।
विश्वकप का फाइनल न्यूजर्सी के मैटलाइफ स्टेडियम में होगा। अमेरिकी फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कार्लोस कोर्डिएरो ने कहा कि हम फीफा का शुक्रिया अदा करते हैं जिसने 2026 विश्वकप की मेजबानी के लिए हमारे ऊपर विश्वास जताया। फुटबॉल की ही इसमें जीत हुई है।
अमेरिका ने इससे पहले 1994 में फुटबाल विश्वकप की मेजबानी की थी जबकि मैक्सिको में 1970 और 1986 में विश्वकप खेला गया है। कनाडा ने हालांकि पुरुष विश्वकप की मेजबानी नहीं की है लेकिन 2015 में उसकी मेजबानी में महिला फुटबॉल विश्वकप आयोजित हुआ था।
मोरक्को हालांकि पांचवीं बार विश्वकप की मेजबानी से चूक गया है। आखिरी बार फीफा ने वर्ष 2010 में विश्वकप की मेजबानी के अधिकारों का वितरण किया था और उस समय पुरानी कार्यकारी समिति ने रूस को 2018 और कतर को 2022 की मेजबानी के लिए चुना था।
हालांकि इस कार्यकारी समिति के अधिकतर सदस्यों को बाद में बैन कर दिया गया था क्योंकि फीफा के इन अधिकारियों में कई सदस्यों को वर्ष 2015 में भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया था। फीफा की नई प्रणाली के तहत फीफा कांग्रेस में हिस्सा लेने वाले सभी देशों के सदस्यों को वोट देने का अधिकार दिया गया।
कोर्डिएरा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फीफा विश्वकप 2016 में वे 14 अरब डॉलर राजस्व हासिल करेंगे जिसमें 11 अरब डॉलर फायदा होगा। बोली में रिकॉर्ड टिकट और आतिथ्य से राजस्व भी शामिल था। फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेन्टिनो ने उत्तर अमेरिका में होने वाले विश्वकप में 48 टीमों के प्रारूप का समर्थन किया है।