मास्को। निजनी नोवगोरोद में क्रोएशिया के हाथों 3-0 से शिकस्त के बाद लियोनेल मेस्सी सिर झुकाए बैठे रहे चूंकि उन्हें अहसास हो गया कि विश्व कप खिताब अपने नाम करने का उनका सपना टूटकर उसी मैदान पर बिखर गया है और इसका मलाल जिंदगी भर उन्हें कचोटता रहेगा।
बार्सीलोना के साथ कामयाबी की नई बुलंदियों को छूने वाले दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में शुमार मेस्सी को उम्मीद थी कि अपने आखिरी विश्व कप में वह फुटबॉल की यह सबसे बड़ी ट्रॉफी थाम सकेंगे लेकिन गुरुवार को क्रोएशिया ने उनका यह सपना लगभग तोड़ दिया।
पिछले एक दशक से फुटबॉल के दो स्तंभ बने मेस्सी और पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो का यह आखिरी विश्व कप है। अपना 31वां जन्मदिन मनाने जा रहे मेस्सी अब कभी फुटबॉल के इस महासमर में खेलते नहीं दिखेंगे।
अर्जेंटीना 2014 विश्व कप फाइनल में जर्मनी से एक गोल से हार गया था। इसके बाद कोपा अमेरिका फाइनल 2015 और 2016 में चिली से पेनल्टी शूटआउट में हारा।
मेस्सी ने विश्व कप से पहले ही कहा था कि वह इस टूर्नामेंट के बाद फुटबॉल से विदा लेंगे। वह 2016 में भी संन्यास ले चुके थे लेकिन फिर उस फैसले को बदला।
आइसलैंड के खिलाफ 1-1 से ड्रा रहे पहले मैच में पेनल्टी चूकने का भी मेस्सी को मलाल रहेगा। क्रोएशिया के खिलाफ भी वह अपनी रंगत में नहीं दिखे। अपेक्षाओं का भारी दबाव उनके चेहरे पर झलक रहा था जब राष्ट्रगान के समय वह माथे को हथेलियों से रगड़ते नजर आए।
दूसरी ओर उनके चिर प्रतिद्वंद्वी रेानाल्डो अब तक दो मैचों में चार गोल कर चुके हैं। स्पेन के खिलाफ हैट्रिक लगाने वाले रीयाल मैड्रिड के इस स्टार स्ट्राइकर का फार्म देखने लायक है। (भाषा)