सामान्य तौर पर फीफा विश्वकप में एक या दो उलटफेर होते हैं तो फैंस के लिए यह अचरज की बात होती है। लेकिन इस फीफा विश्वकप में तो उलटफेरों का कुछ ऐसा सिलसिला चला कि फुटबॉल फैंस और खेल पत्रकारों ने दांतो तले उंगलियां दबा ली।
बड़े नाम वाली टीमें एक के बाद एक अपना बोरिया बिस्तर बांधने लगी और तुलनात्मक छोटी टीमें आगे बढ़ती रही। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि क्रोएशिया फाइनल में पहुंचने वाली सबसे कम रैंक की टीम बन चुकी है। आइए देखते हैं इस विश्वकप में कब और कैसे हुए उलटफेर।
मेक्सिको बनाम जर्मनी (1-0)
पहला उलटफेर ऴिश्वकप के तीसरे दिन ही हो गया जब गत विजेता जर्मनी को मेक्सिको ने ग्रुप स्टेज के पहले मैच में ही 1-0 से हरा दिया। यह जर्मनी टीम के लिए बहुत बड़ा झटका था।
जापान बनाम कोलंबिया (2-1)
जापान किसी भी दक्षिण अमेरिकी टीम को हराने वाली पहली टीम बनी और यह जीत एतिहासिक हो गई। जापान इस प्रदर्शन के बल पर प्री-क्वार्टर फाइनल में भी पहुंची।
साल 2002 की तरह इस बार भी सेनेगल ने बड़ी टीमों को चौकाया। अफ्रीकी टीम सेनेगल ने आठवीं वरीयता प्राप्त पोलैंड को 2-1 से हराया।
क्रोएशिया बनाम अर्जेंटीना (3-0)
क्रोएशिया ने शुरुआत में ही विश्वकप की दावेदार अर्जेंटीना को हराकर खलबली मचा दी। इस मैच में मेस्सी एक भी गोल नहीं कर पाए और उनकी खासी आलोचना भी हुई।
दक्षिण कोरिया बनाम जर्मनी (2-0)
यह मैच दोनों ही टीमों को लंबे वक्त तक याद रहेगा। जर्मनी पहली बार किसी एशियाई टीम से हारी।ग्रुप स्टेज की इस हार ने जर्मनी का विश्वकप सफर खत्म कर दिया।
घरेलू दर्शकों के सामने रूस ने बता दिया कि वह बड़ी टीमों को भी हरा सकती है। दसवीं रैंक और विश्वकप विजेता स्पेन को प्री क्वार्टर फाइनल में रूस ने पेनल्टी शुटआउट में 4-3 से हराया।
बेल्जियम बनाम ब्राजील (2-1)
1.5 करोड़ की आबादी वाले देश ने 25 करोड़ की आबादी वाले ब्राजील को क्वार्टर फाइनल में हराकर एक बड़ा उलटफेर किया। 5 बार की विश्व कप विजेता ब्राजील की टीम लंबे समय बाद सेमीफाइनल में भी नहीं आ सकी।
क्रोएशिया बनाम इंग्लैंड (2-1)
किसी ने भी नहीं सोचा था कि क्रोएशिया इंग्लैंड को हरा देगी। लेकिन यह उलटफेरों का विश्वकप है तो ऐसा होना ही था। अब क्रोएशिया फाइनल में है और उसे उलटफेर कर कप जीतने का एक और मौका मिला है।