ब्राजील दक्षिण अमेरिका का सबसे बड़ा देश है, जिसकी धड़कनों में बसता है, फुटबॉल, सांबा, साल्सा और रियो का बहुचर्चित कार्निवाल आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस पर आधिपत्य स्पेन का नहीं होकर पुर्तगाल का रहा है। इसकी खोज भी पुर्तगाली नाविक वास्को डी गामा ने की थी। वास्को जब जनवरी के महीने में ब्राजील पहुंचे तो उन्होंने एक नदी देखी। बस, उनके मुँह से निकल गया 'रिवर द जेन्यूर' यानी जनवरी की नदी।
यही शब्द बाद में थोड़ा-सा सुधरा हुआ रूप लेकर 'रियो डी जेनेरियो' बना, जो आज तक प्रसिद्ध है और ब्राजील की राजधानी भी रह चुका है। हालांकि आज देश की राजधानी ब्राजीलिया है।
अर्थव्यवस्था कभी भी मजबूत नहीं बन सकी : ब्राजील का नाम वहां की प्रसिद्ध संपत्ति ब्राजीलवुड से निकलने वाली नदी 'लाल डाड्री' के नाम पर पड़ा है। ब्राजीलवुड, ब्राजील के उत्पाद का मुख्य अंग है। हालांकि वहां रबर और कॉफी प्रचुर मात्रा में होते हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था कभी भी मजबूत नहीं बन सकी है।
बंद हो चुका है विख्यात सांतोस क्लब : ब्राजील में भी राजनैतिक उथल-पुथल हमेशा रही है। इसी गड़बड़ अर्थव्यवस्था का असर वहां के फुटबॉल क्लबों पर भी पड़ा, जिसका नतीजा यह निकला कि तमाम खिलाड़ी यूरोप चले गए। एक समय ब्राजील के सांतोस क्लब का बोलबाला था, किंतु वह छह दशक पहले ही बंद हो चुका है।
ब्राजील का प्रदर्शन वास्तविकता से कोसो दूर : ब्राजील में स्थानीय क्लब फुटबॉल के नाम पर कुछ भी नहीं बचा है। भले ही उसकी टीम पांच बार विश्व चैम्पियन बन चुकी हो, भले ही वह फीफा विश्व रैंकिंग में नंबर एक के सिंहासन पर भी आसीन हो चुकी हो और रूस में 14 जून से शुरू हो रहे विश्व कप के 21वें संस्करण में खिताब की सबसे प्रबल दावेदार हो लेकिन वास्तविकता कुछ और ही कहती है।
दक्षिण अमेरिका का सबसे कंगाल देश : सांबा, साल्सा और रियो में होने वाला विश्व प्रसिद्ध वार्षिक कार्निवाल मनाने वाला यह देश आज की तारीख में दक्षिण अमेरिका का सबसे कंगाल देश है। उसकी अर्थव्यवस्था तस्करी, वेश्यावृत्ति के अलावा पर्यटन तक ही सीमित होकर रह गई है।
खेल के बूते पर देश की पहचान बनी : वैसे भी दुनिया ब्राजील को सिर्फ फुटबॉल के नाम से ही जानती है। यह भी कम आश्चर्य की बात नहीं है कि यही दुनिया का एकमात्र देश है, जिसकी पहचान खेल के बूते पर बनी है। यही वह देश है, जिसने फार्मूला वन की दुनिया को एक शहंशाह एवर्टन सेना के रूप में दिया था, जो 1993 में इटली के सैन मेरिनो ग्रांप्री के दौरान दुर्घटना में मारे गए थे।
विश्व कप के सभी 21 संस्करणों में खेलने वाली टीम : ब्राजील ने यदि दुनिया को तमाम महान फुटबॉलर दिए हैं, तो एवर्टन सेना जैसा महान एफ वन ड्राइवर भी दिया है, जो लोकप्रियता के मामले में महान पेले, साक्रेटिस, रोनाल्डो तक को पीछे छोड़ चुका है।
ब्राजील के बिना विश्व कप अधूरा : इसमें कोई शक नहीं कि कोई विश्व कप ब्राजील के बिना अधूरा ही रहेगा। यही कारण है कि 1930 से लेकर 2014 तक विश्वकप के सभी 21 संस्करणों में इस जिंदादिल टीम ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। ऐसा करिश्मा करने वाली ब्राजील दुनिया की पहली टीम है। ब्राजील रेकॉर्ड 5 बार (1958, 1962, 1970, 1994, 2002) विजेता और 2 बार उपविजेता (1950, 1998) रहा है।
मदमस्त युवतियों पर कैमरे की नजर : ब्राजील की फुटबॉल टीम की बात तो अपनी जगह है, मैच के दौरान ब्राजील की मदमस्त युवतियों पर जब कैमरे की नजर जाती है, तो पूरी दुनिया आहें लिए बगैर नहीं रहती। कम कपड़ों में दिखने वाली ये खूबसूरत युवतियां भी चाहती हैं कि वे कैमरे में कैद होकर पूरी दुनिया में रातोरात शोहरत की बुलंदियों पर पहुंच जाएं। ड्रम के साथ दर्शक दीर्घा की शोभा बढ़ाती ब्राजीलियनों का जोश तो देखते ही बनता है।
अव्वल रहती हैं ब्राजीलियन सुंदरियां : पूरी दुनिया के फुटबॉल प्रेमियों की नजरें ब्राजीलियन सुंदरियों को ढूंढती रहती हैं। रूस में जब 14 जून से फुटबॉल का महासंग्राम शुरु हो जाएगा, तब मैदान के ब्राजील के स्टार खिलाड़ियों के जौहर के साथ-साथ दर्शक दीर्घा पर भी नजरें टिकी होंगी। तो दिल थामकर इंतजार कीजिए क्योंकि खेलों का 'राजा' कहे जाने वाले फुटबॉल के जरिए दुनिया जीतने की जंग शुरू होने में चंद दिनों का वक्त ही शेष रह गया है। यकीनन विश्व कप फुटबॉल के मैचों का सनसनीखेज रोमांच 15 जुलाई तक पूरी शिद्दत के साथ बरकरार रहेगा।