स्वतंत्रता के छः दशक बाद भी आज हमारे देश में आम जनता के लिए सामाजिक सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है। यही नहीं, हम स्वयं भी रिटायरमेंट प्लानिंग को गंभीरता से नहीं लेते हैं एवं रिटायरमेंट प्लानिंग हमारी प्राथमिकता सूची में सबसे नीचे के क्रम में रहती है। जबकि बदलते परिवेश में रिटायरमेंट प्लानिंग बहुत ही अहम है।
आज जरूरत इस बात की है कि हम टैक्स बचत के साथ अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग सुचारू रूप से कर लें। ऐसे में आप सरकार द्वारा शुरू की गई न्यू पेंशन स्कीम में निवेश कर टैक्स बचत के साथ-साथ रिटायरमेंट के लिए भी पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि न्यू पेंशन स्कीम की शुरुआत 1 मई 2009 को हुई थी एवं इस स्कीम में फंड मैनेजमेंट के लिए प्रोफेशनल फंड हाउसेस को नियुक्त किया गया है। साथ ही अन्य पेंशन स्कीमों के मुकाबले इस स्कीम में निवेशकों के ऊपर खर्चों का भार भी नगण्य है। इसके बावजूद भी डेढ़ साल में यह स्कीम लोकप्रिय नहीं हो पाई है, जिसका मुख्य कारण इस स्कीम की जानकारी का अभाव है। इस स्कीम को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है एवं समय-समय पर इस स्कीम में काफी फेरबदल भी किए गए हैं। इस स्कीम को और आकर्षक बनाने के लिए आम बजट 2010-11 में वित्तमंत्री ने "स्वावलंबन स्कीम" की शुरुआत भी की है जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2010-11 में खोले जा रहे असंगठित क्षेत्र के न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) खातों में सरकार की तरफ से 3 वर्षों तक द्ख्र 1000 का अंशदान भी करने का ऐलान किया है।
यदि आप टैक्स बचत के साथ अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग भी करना चाहते हैं तो न्यू पेंशन स्कीम में निवेश आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। न्यू पेंशन स्कीम के फीचर्स निम्न प्रकार हैं :-
कौन कर सकता है निवेश : 18 वर्ष से 55 वर्ष तक का कोई भी भारतीय न्यू पेंशन स्कीम में निवेश कर सकता है।
खातों के प्रकार : इस स्कीम के तहत दो प्रकार के खाते खोले जा सकते हैं जो निम्न प्रकार है :-
(अ) टीयर - 1 (ब) टीयर - 2
कितना निवेश किया जा सकता है।(
अ) टीयर 1 - एक समय में न्यूनतम 500 रुपए या एक साल में न्यूनतम 6000 रुपए का अंशदान इस स्कीम में करना आवश्यक है। अधिकतम अंशदान की कोई सीमा निर्धारित नहीं है परंतु टैक्स बचत एवं स्वावलंबन स्कीम के लिए टैक्स बचत के प्रावधानों एवं स्वावलंबन स्कीम के प्रावधानों को ध्यान में रखकर इस स्कीम में अंशदान किया जाना चाहिए।(
ब) टीयर 2 - न्यूनतम 1000 रुपए से खाता खोला जा सकता है एवं एक समय में न्यूनतम 250 रुपए एवं साल के अंत में खाते का न्यूनतम बैलेंस 2000 रुपए होना आवश्यक है।स्कीम का पैसा कहाँ लगाया जाता है : इस स्कीम में तीन विभिन्ना असेट् क्लास, असेट् क्लास "ई" असेट् क्लास "सी" एवं असेट् क्लास "जी" को चुनने का विकल्प उपलब्ध है।असेट् क्लास "ई" के तहत इक्विटी में निवेश किया जाता है जिसकी अधिकतम सीमा 50% निर्धारित की गई है। इसमें अधिक रिटर्न एवं अधिक रिस्क होती है। असेट् क्लास "सी" के तहत लिक्विड फंड्स, कॉर्पोर्रेट डेट्स, फिक्स डिपॉजिट एवं पब्लिक सेक्टर/म्युनिसिपल एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉण्ड आदि में निवेश किया जाता है इसमें सामान्य रिटर्न एवं सामान्य रिस्क होती है। असेट् क्लास "जी" के तहत केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा जारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। इसमें न्यूनतम रिटर्न एवं न्यूनतम रिस्क होती है। आप अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार उपरोक्त असेट् क्लास में उपर्युक्त अनुपात में निवेश कर सकते हैं। यदि आपको असेट् क्लास के चुनाव में कठिनाई होती है तो आप "डिफाल्ट" विकल्प भी चुन सकते हैं जिसमें आपकी आयु में जोखिम क्षमता के अनुसार असेट् क्लास "ई" "सी" एवं "जी" में निर्धारित अनुपात में निवेश किया जाता है- जैसे आयु 18 से 35 वर्ष तक 50% निवेश असेट् क्लास "ई" में 30% निवेश असेट् क्लास "सी" में एवं 20% निवेश असेट् क्लास "जी" में किया जाता है एवं जैसे- जैसे उम्र बढ़ती है असेट् क्लास "ई" एवं असेट् क्लास "सी" में निवेश कम होता जाता है एवं असेट् क्लास "जी" में निवेश बढ़ता जाता है।कौन करता है फंड मैनेजमेंट : वर्तमान में फंड मैनेजमेंट के लिए छः फंड मैनेजरों जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई, कोटक महिन्द्रा, आईडीएफसी एवं रिलायंस पेंशन फंड मैनेजर को नियुक्त किया गया है। आप इनमें से किसी भी फंड मैनेजर को अपने निवेश के लिए चुन सकते हैं।फंड मैनेजमेंट चार्जेस : बीमा कंपनियों के पैन प्लन में सामान्यतः 0.75% से 15% वार्षिक तक के फंड मैनेजमेंट चार्जेस होते हैं, जबकि न्यू पेंशन स्कीम में पात्र 0.009% वार्षिक फंड मैनेजमेंट चार्जेस होते हैं।क्या निवेश ग्यारेंटेड होता है : इस स्कीम में निवेश ग्यारेंटेड नहीं है। फंड के परफारमेंस पर लाभ निर्भर होता है।