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हाउसिंग लोन पर टैक्स छूट के प्रावधान

- उमेश राडी (सीएफपी-सीएम)

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, सोमवार, 19 दिसंबर 2011 (10:03 IST)
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हाउसिंग लोन पर टैक्स छूट का लाभ आयकर अधिनियम की धारा 80-सी एवं धारा 24 (बी) के तहत लिया जा सकता है। आयकर अधिनियम की धारा 80-सी के तहत हाउसिंग लोन के प्रिंसिपल रिपेमेंट पर अधिकतम 1,00,000 रु. तक की छूट प्राप्त की जा सकती है एवं धारा 24 (बी) के तहत हाउसिंग लोन के अर्जित ब्याज पर अधिकतम 1,50,000 रु. तक छूट प्राप्त की जा सकती है।

संयुक्त रूप से लोन लेने पर प्रत्येक व्यक्ति यह छूट पृथक-पृथक प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि संयुक्त रूप से वित्तीय वर्ष में रु. 60,000 प्रिंसिपल रिपेमेंट एवं रु. 2,40,000 ब्याज अदा किया जाता है तो प्रत्येक व्यक्ति प्रिंसिपल रिपेमेंट की रु. 30,000 व ब्याज की 1,20,000 की पृथक-पृथक छूट प्राप्त कर सकते हैं। धारा 80 (सी) एवं 24 (बी) के तहत टैक्स छूट के लिए कुछ शर्तों का पालन करना अनिवार्य होता है, जो इस प्रकार है-

धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट :
*लोन किसलिए लिया जा सकता है- हाउसिंग लोन रहवासी मकान बनाने या खरीदने के लिए लिया जा सकता है। यदि लोन मरम्मत या नवीनीकरण के लिए लिया जाता है तो धारा 80-सी के तहत टैक्स छूट का लाभ नहीं मिल सकेगा।
*छूट की अधिकतम सीमा- रु. 1,00,000 या वित्तीय वर्ष में चुकाए गए लोन की राशि, दोनों में जो भी कम हो, की अधिकतम छूट प्राप्त की जा सकती है।
*न्यूनतम कितनी अवधि बाद विक्रय- छूट पात्रता के लिए यह भी आवश्यक है कि रहवासी मकान को 5 वर्षों बाद ही विक्रय किया जाए। यदि मकान 5 वर्षों के पूर्व विक्रय कर दिया जाता है तो धारा 80 सी के तहत पूर्व में लिए गए लाभ को विक्रय किए गए वर्ष की आय मानकर टैक्स अदा करना होगा।
*स्टॉम्प एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क पर टैक्स छूट- धारा 80-सी के तहत रहवासी मकान की खरीदी पर चुकाए गए स्टॉम्प एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क में भी छूट प्राप्त की जा सकती है।

धारा 24 बी के तहत टैक्स छूट :
*यदि लोन 1 अप्रैल 1९९९ के बाद लिया गया हो एवं निम्न शर्तें पूर्ण होती हों तो अर्जित ब्याज पर रु. 1,50,000 तक की छूट प्राप्त की जा सकती है।
*लोन रहवासी मकान बनाने या खरीदने हेतु लिया गया हो।
*मकान की खरीदी या निर्माण लोन लेने वाले वित्तीय वर्ष समाप्ति से 3 वर्ष में किया गया हो।
*यदि लोन रहवासी मकान बनाने, खरीदने, मरम्मत या नवीनीकरण के लिए 1 अप्रैल 1९९९ के पूर्व लिया गया हो तो अर्जित ब्याज पर रु. 30,000 तक की छूट प्राप्त की जा सकती है।
*यदि लोन मकान मरम्मत या नवीनीकरण के लिए 1 अप्रैल 1९९९ के बाद लिया गया हो तो अर्जित ब्याज पर रु. 30,000 तक की छूट प्राप्त की जा सकती है।

दो रहवासी मकान की दशा में कैसे लें टैक्स छूट का लाभ :
1. दोनों में से कोई भी मकान किराए पर नहीं दिया गया हो- इस दशा में व्यक्ति अपनी इच्छा से किसी भी एक मकान को सेल्फ ऑक्यूपाइड घोषित कर सकता है एवं दूसरा मकान डिम्ड-लेट-आउट माना जाएगा। दोनों मकान पर टैक्स छूट का लाभ निम्न प्रकार से लिया जा सकता है-

* सेल्फ ऑक्यूपाइड- सेल्फ ऑक्यूपाइड मकान की आय शून्य मानी जाती है एवं उस पर रु. 1,50,000 तक अर्जित ब्याज की छूट प्राप्त की जा सकती है। साथ ही धारा 80 सी के तहत प्रिंसिपल रिपेमेंट की छूट भी प्राप्त की जा सकती है।

*डिम्ड-लेट-आउट- डिम्ड-लेट-आउट मकान के नेशनल रेंट की गणना करने के बाद उसमें से अदा किए गए प्रॉपर्टी टैक्स, 30 प्रश स्टैंडर्ड- डिडक्शन एवं अर्जित ब्याज (चाहे रु. 1,50,000 से अधिक हो) की छूट प्राप्त की जा सकती है। साथ ही, धारा 80 सी के तहत प्रिंसिपल रिपेमेंट की छूट भी प्राप्त की जा सकती है।

2.एक मकान स्वयं के उपयोग में हो एवं एक किराए पर दिया हो- इस दशा में टैक्स छूट का लाभ निम्न प्रकार से लिया जा सकता है-

*सेल्फ ऑक्यूपाइड- सेल्फ ऑक्यूपाइड मकान की आय शून्य मानी जाती है एवं उस पर रु. 1,50,000 तक अर्जित ब्याज की छूट प्राप्त की जा सकती है। साथ ही धारा 80 सी के तहत प्रिंसिपल रिपेमेंट की छूट प्राप्त की जा सकती है।

*किराए पर दिए गए मकान- किराए पर दिए गए मकान के प्राप्त किराए से चुकाए गए प्रॉपर्टी टैक्स 30 प्रश स्टैंडर्ड डिडक्शन एवं अर्जित ब्याज (चाहे रु. 1,50,000 से अधिक हो) की छूट प्राप्त की जा सकती है। साथ ही, धारा 80 सी के तहत प्रिंसिपल रिपेमेंट की छूट प्राप्त की जा सकती है। ङ"ख11ऋ

क्या हाउसिंग लोन एवं एचआरए दोनों पर टैक्स छूट का लाभ एक साथ लिया जा सकता है?
यदि रहवासी मकान जिस पर लोन लिया गया है वह कार्यस्थल से दूर होने की वजह से व्यक्ति का उसमें रहना संभव नहीं है वह ऐसी दशा में किराए के मकान में रहता है और नियोक्ता से उसे एचआरए भी प्राप्त होता है तो व्यक्ति होम लोन पर धारा 80 (सी) के तहत प्रिंसिपल रिपेमेंट, धारा 24 (बी) के तहत अर्जित ब्याज की छूट के साथ एचआरए की छूट का भी लाभ ले सकता है।

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