वैसे तो 2020 को इसमें आई त्रासदी के लिए हमेशा याद रखा जाएगा, वायरस की इस भयावह घटना को भूलना किसी के लिए भी नामुमकिन है, लेकिन फिर भी इस साल कुछ ऐसी घटनाएं हुईं हैं जो न भूलने वाली हैं। कुछ सुखद हैं तो कुछ बेहद बुरी।
आइए जानते हैं इस साल की कुछ अच्छी और बुरी घटनाओं के बारे में।
लॉकडाउन
कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद जो सबसे भयावह तस्वीर थी, वो लॉकडाउन की तस्वीर थी। चारों तरफ सन्नाटा था। सड़कें खाली थीं, घरों के दरवाजें बंद और दुकानों के शटर डाउन थे। यह बेहद डरावना था। कहीं कुछ नहीं था सिर्फ एक सन्नाटा, डर और आशंका के बीच मौतों की खबरें थीं।
सोशल डिस्टेंसिंग
इस साल ने हमें सोशल डिस्टेंसिंग सिखाई। हमारी सामाजिक दूरियां तो बढ़ीं, लेकिन इससे हमें वायरस से लड़ने में मदद मिली, इसके साथ ही कई दूसरी ऐसी संक्रामक बीमारियों से भी बचाव हुआ, जिनके बारे में हम नहीं जानते थे। हमने मास्क लगाना, हाथ धोना और दूरी बनाए रखना सीखा। साफ-सफाई करना सीखा।
मजदूरों का पलायन
इस बीच एक शहर से दूसरे शहर के लिए मजदूरों का पलायन बेहद दर्दनाक तस्वीर थी। जिसमें बेघर मजदूर, किसान, बच्चे, महिलाएं एक राज्य से दूसरे राज्य तक हजारों किलोमीटर तक पैदल चले। इस दौरान कई मजदूरों की मौत हो गई। कोई टैंकर में छुपकर, कोई साइकल तो कोई पैदल ही चल दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 19 मार्च से 4 जुलाई के बीच ही करीब 1 हजार लोगों की मौत हुई थी। जो बाद में बढ़ती ही चली गई।
सोनू सूद की मदद
जो काम सरकार को करना चाहिए था, वो काम अभिनेता सोनू सूद ने किया। लॉकडाउन और प्रवासी मजदूरों का जब भी जिक्र होगा सोनू सूद को हमेशा याद किया जाएगा। सोनू सूद ने इस दौरान प्रवासी मजदूरों की काफी मदद की, हजारों लाखों लोगों को उन्होंने घर पहुंचाया, खाना खिलाया और अब उन्हें रोजगार देने का काम कर रहे हैं। उनकी मदद का आलम यह है कि अब देश के कई हिस्सों में उनके मंदिर बन रहे हैं।
सुशांत सिंह राजपूत
इस साल बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत 14 जून 2020 को मुंबई स्थित घर में संदिग्ध हालात में उनकी मौत हो गई। हत्या और आत्महत्या के बीच अब भी सवाल है। इस घटना के बाद उनके फैंस बहुत दुखी हुए। सुशांत की मौत के बाद मीडिया कवरेज, ड्रग एंगल में दीपिका पादुकोण, साराअली, रकुलप्रीतसिंह और श्रद्धा कपूर के नाम आए।
राम मंदिर फैसला
इस साल 5 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन भी किया। बीते साल ही 9 नवंबर सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन राम जन्मभूमि ट्रस्ट को देने का फैसला दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया। इस फैसले के बाद देश की बडी आबादी खुश नजर आई।
ब्लैक लाइव मैटर
अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु के कारण पूरे विश्व में अश्वेतों के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। इस दौरान नस्लवाद को लेकर गंभीर बहस छिड़ी और कई देशों में ऐसे लोगों की मूर्तियों को तोड़ दिया गया जो कभी भी नस्लवाद के समर्थक थे या फिर उन्होंने नस्लीयतौर पर किसी के साथ भेदभाव किया था।
कमला हैरिस
अमेरिका चुनाव के बाद कोई महिला प्रवासी इस देश में पहली बार उपराष्ट्रपति के पद तक पहुंची है। भारतीय मूल की कमला हैरिस ने इस साल 7 नवंबर को जो बाइडेन के साथ राष्ट्रपति पद की दौड़ जीती। कमला हैरिस पहली महिला, पहली अश्वेत, पहली भारतीय-अमेरिकी और अमेरिका की पहली एशियाई उप-राष्ट्रपति हैं।
डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भले ही अमेरिकी चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन उनके प्रयासों से इस साल इजराइल और मध्यपूर्व के कुछ मुस्लिमों देशों के बीच शांति समझौते हुए हैं। इसमें इजरायल का यूएई और बहरीन के साथ हुआ शांति समझौता काफी अहम है। यह समझौता मध्यपूर्व में क्या शांति लाने में सफल होगा।
प्रदूषण कम हुआ
इस साल कोरोना वायरस के असर के कारण दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन रहा था और इस दौरान लोग अपने घरों पर रहे। सड़कों पर गाड़ियां नहीं चली, प्रदूषण कम हुआ और प्रकृति ने अपने सुंदर रूप एक बार फिर दिखाए। औद्योगिक क्रांति के बाद से साल दर साल कार्बन का उत्सर्जन बढ़ता ही गया। लेकिन साल 2020 में इसमें एतिहासिक रूप से गिरावट दर्ज की गई। वहीं इस दौरान हमनें शहरों की सड़कों पर जानवरों के राज और लगभग समाप्ति की कगार पर पहुंच चुके कई विलुप्त होते जानवरों को भी देखा।
चार्ली हेब्दों
नवंबर में फ्रांस में कुछ ऐसा हुआ जिसके कारण वहां हालात काफी तनावपूर्ण हो गए। स्कूल में चार्ली हेब्दों का एक कार्टून दिखाने के कारण एक टीचर की गला रेतकर हत्या कर दी गई। इसके बाद सराकार ने कई मुस्लिम चरमपंथियों पर शिकंजा कसा तो दूसरी तरफ एक विवादित कानून भी लेकर आए। साल की शुरूआत में कोरोना वायरस से जूझ रहा फ्रांस साल के आखिरी तक इस्लामिक चरमपंथियों के कारण काफी परेशान रहा है।
अंतरिक्ष यात्री गए आईएसएस
तकनीक के क्षेत्र के लिए भी यह साल काफी मायनों में खास रहा। जहां पहली बार कोई प्राइवेट कंपनी अंतरिक्ष में अपने बनाए रॉकेट के जरिए किसी व्यक्ति को भेजने में सफल रही है। मशहूर उद्योगपति इलॉन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने इस साल चार अंतरिक्षयात्रियों को आईएसएस में भेजकर इतिहास रच दिया था।
जापान में आत्महत्याएं
जापान में कोरोना वायरस के असर के कारण हुए लॉकडाउन के बाढ़ आत्महत्यों के मामलों में बाढ़ सी आ गई। इस साल से पहले तक जापान में बीते कुछ दशकों में लगातार आत्महत्या के मामलों में कमी आती गई, लेकिन कोरोना के कारण हालात पूरी तरह से बदल गए हैं। हालांकि, जापान उन देशों में शामिल हैं, जहां आत्महत्या के मामले तुरंत रिपोर्ट किए जाते हैं। कोरोना वायरस के असर को रोकने के लिए जब विश्व के कई देशों में लॉकडाउन लगाया गया था, उस दौरान कई विशेषज्ञों ने इसको लेकर चेतावनी दी की थी।
गलवान
15 जुलाई की मध्यरात्रि लद्दाख के गलवान में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। यह झड़प चीन द्वारा भारत के सीमा क्षेत्र में घुस आने के बाद कई सप्ताह कर चली तनातनी के बाद हुई थी। भारत और चीन के बीच लगी सीमा पर साल 1967 के बाद ऐसा पहली बार हुआ था, जब सीमा पर इतनी संख्या में जवान शहीद हुए थे। इस हिसंक संघर्ष के बाद भारत और चीन के रिश्ते ऐतिहासिक रूप से खराब हो गए। भारत ने इसके बाद एक-एक करके चीन पर प्रतिबंध भी लगाए।
मीडिया पर उठे सवाल
इस साल मीडिया की विश्वसनीयता को लेकर भी सवाल उठे। कौनसी खबर सही है, कौनसी गलत। इस पर बहस हुई। न्यूज चैनल के कवरेज के स्तर को लेकर विवाद रहा। यहां तक कि टीआरपी के खेल भी सामने आए। ऐसे में कहीं न कहीं मीडिया की विश्वसनीयता को ठेस लगी।