Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अब पर्यटकों को बहलाएंगे भालू

हमें फॉलो करें अब पर्यटकों को बहलाएंगे भालू
ND

कानन पेंडारी की मादा भालू राधा व गौरी अब रायपुर के नंदन वन जू के पर्यटकों को आकर्षित करेंगी। पीसीसीएफ के निर्देश के बाद सोमवार दोनों को भेज दिया गया है। ऐसा पहली बार हुआ, जब प्रदेश में ही एक जू से दूसरे में वन्यप्राणियों का तबादला हुआ है।

रायपुर में भी एक जू नंदन वन है, लेकिन दर्जे की बात करें, तो वह कानन पेंडारी से एक पायदान पीछे हैं। नंदन वन को मिनी जू का दर्जा मिला कुछ समय ही हुआ है। वहीं कानन पेंडारी 2005 में इस उपलब्धि को हासिल कर चुका है। अब तो केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने कानन पेंडारी को स्माल जू की मान्यता दे दी है। यह मान्यता उन्होंने जू में उपलब्ध सुविधाएं व अलग-अलग प्रजाति के वन्यप्राणियों की बड़ी संख्या को देखते हुए मिली है।

वन्यप्राणियों के मामले नंदन वन अभी कानन पेंडारी से काफी पीछे हैं। शायद यही वजह है कि यहां वन्यप्राणियों की संख्या बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। जानकारी के अनुसार पिछले दिनों वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ ने कानन पेंडारी से दो मादा भालू लाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत सोमवार को मादा भालूओं को भेजा गया। इन्हें लेने के लिए नंदन वन का दल आया था।

मादा भालूओं के जाने बाद अब कानन पेंडारी में भालूओं की संख्या घटकर पांच हो गई है। इनमें 3 मेल व 2 फिमेल है। कुछ दिनों पहले भी यहां से भालूओं को इंदौर के जू में भेजे गए थे। मालूम हो कि कानन में भालूओं की संख्या इतनी अधिक हो गई थी कि उन्हें एक साथ खुले केज में नहीं छोड़ पाना प्रबंधन के लिए मुनासिब नहीं था। वैसे भी यह प्रजाति झगड़ालू होता है। इस वजह से भी प्रबंधन इन्हें छोड़ने से कतरा रहा था। इसके चलते एक-एक दिन बदलकर भालूओं को दिखाया जाता था। संख्या कम होने के बाद यह समस्या नहीं रहेगी।

अब तक एक से जू दूसरे में वन्यप्राणी भेजे जाते हैं, तो उसमें वन्यप्राणियों की अदला-बदली की जाती है। इसी के तहत कानन पेंडारी प्रबंधन ने भी मादा भालूओं के बदले नंदन वन से मादा चौसिंघा की मांग की थी, लेकिन वहां गिने-चूने चौसिंघे हैं। इनमें भी मेल की संख्या अधिक है। इसके चलते कानन को चौसिंघा नहीं मिल पाया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi