महाराष्ट्र सरकार का वन विभाग भीमशंकर अभयारण्य में पाई जाने वाली लुप्तप्राय: विशाल गिलहरी की सटीक गिनती के लिए 20 अप्रैल से पहली बार ‘ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम : जीपीएस’ का इस्तेमाल करने जा रहा है।
गौरतलब है कि वन्य जीव कानून की पहली अनुसूचि में शामिल यह गिलहरी लुप्त होने के कगार पर है। भीमशंकर अभयारण्य में देश के 12 में से एक ‘ज्योर्तिलिंग’ भी मौजूद है।
इस नए अभियान के प्रभारी वनाधिकारी राजेंद्र नाले ने बताया, ‘इन गिलहरियों की आखिरी बार की गई गिनती में पता चला था कि इनमें से 1200 अभी भी भीमशंकर में मौजूद हैं, हालांकि उन्हें विरले ही देखा गया।’ उन्होंने बताया कि इस काम के लिए 10 जीपीएस उपकरणों के अलावा इतने ही खोजियों को भी लगाया जाएगा, जिन्हें दूरबीन और कंपास भी दिए जाएंगे। राजेंद्र ने बताया कि जीपीएस के जरिए जुटाए गए आंकड़ों को एक डिजिटल मानचित्र पर दर्ज किया जाएगा। (भाषा)