कल्याणी देशमुख
तेरा मेरा साथ जैसे फूलों में खुशबू का वास
कितनी ताजी और खुशबूदार अपनी ये दोस्ती है।
तेरी मेरी बातें जैसे बारिश में मोर गाते
कितनी मीठी और सुरीली अपनी ये दोस्ती है।
तेरा मेरा विश्वास जैसे मंदिर मे ईश्वर का वास
कितनी सच्ची और पवित्र अपनी ये दोस्ती है।
तेरा मेरी लडाई जैसे हाथ में रेत पकडाई
कितनी सीधी और सादी अपनी ये दोस्ती है।
तेरा मेरा जीवन जैसे झरना बहे खनखन
कितनी कोमल और शीतल अपनी ये दोस्ती है।