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वो पनाह दोस्ती है...
- अरुंधती आमड़ेकर
लड़खड़ाते कदमों को सँभाले, वो हाथ दोस्ती हैजिसे सुनते ही हँस दे दिल, वो बात दोस्ती हैअंगारों को बना दे जो फूल, वो जादू दोस्ती हैबदलकर रख दे जो हर भूल, वो काबू दोस्ती हैअंधेरों को कर दे जो रोशन,वो दीप दोस्ती हैहर आँसू को कर दे मोती, वो सीप दोस्ती हैदिल के हर दर्द पर हो महसूस,वो कराह दोस्ती हैभटकाव के हर मोड़ पर मिले,वो पनाह दोस्ती हैहर नाकामी को जो हरा दे,वो जीत दोस्ती हैहर जमाने में रहे जो जिंदा,वो रीत दोस्ती है....वो रीत दोस्ती है....वो रीत दोस्ती है....