- राजेंद्र शर्मा WD 'नेकी कर दरिया में डाल' कहावत को अब बदलकर 'नेकी कर कचरे में डाल' कर देना चाहिए। आदमी के पास पीने को पानी नहीं है, दरिया कहाँ से आएगा।