प्रश्न - दद्दू, खबर है कि हाल ही में संत आसाराम बापूजी ने कथित रूप से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एक कैमरामैन को थप्पड़ मारा है। संत जो अपने भक्तों को क्रोध का त्याग करने का प्रवचन देते हैं, उनके द्वारा क्रोध किया जाना क्या उचित है?
उत्तर - संत को लोग जब तक संत मानते रहें और तदानुसार आदर-सम्मान देते रहें, तब तक संत भी संत की प्रतिमूर्ति दिखाई देते हैं। जरूर उक्त कैमरामैन महाशय ने अपने किसी कड़वे प्रश्न से बापूजी की संत छवि को विकृत करने की कोशिश की होगी और बापूजी को गुस्सा आ गया होगा। हालांकि ऐसी स्थिती में भी बापूजी यदि गुस्सा न करते तो उनकी संत छवि और अधिक मजबूत होकर सामने आती।