प्रश्न : दद्दू जी, सुप्रीम कोर्ट की अवमानना केस में दोषी करार किए जाने के बाद जाने-माने दिग्गज वकील प्रशांत भूषण पर सजा के तौर पर मात्र एक रुपए का सांकेतिक जुर्माना किया गया। आप क्या कहेंगे इस बारे में?
उत्तर: देखिए इसका जवाब तो रामायण में महाकवि तुलसीदास जी ने इन पंक्तियों से दे दिया था कि 'समरथ को नहीं दोष गुसाईं।' यदि अपने घर का ही उदाहरण लूं तो हम पति-पत्नी एक-दूसरे की गलतियों के लिए जुर्माना लगाते हैं। मेरी, कमरे की लाइट बंद नहीं करने जैसी गलती पर पत्नी मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति पर एक सौ रुपया जुर्माना लगाती है। वहीं उनकी भोजन में मिर्च अधिक डाल देने वाली गलती के लिए उनके जैसी अतिविशिष्ट महिला पर एक रुपए से ज्यादा जुर्माना करने की हिम्मत मैं नहीं जुटा पाता। सुप्रीम लोगों की हर बात सुप्रीम होती है।