Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

रेल बजट पर दद्दू की नजर...

Advertiesment
हमें फॉलो करें Rail Budget 2015-16

एमके सांघी

प्रश्न : दद्दूजी, रेलमंत्री सुरेश प्रभु का वित्त वर्ष 2015-16 का रेल बजट कैसा लगा आपको?



 
उत्तर : देखिए, हिन्दुस्तान में कायदा है कि प्रभु के प्रसाद को बिना मीन-मेख निकाले जस का तस आदरपूर्वक ग्रहण कर लिया जाता है अत: आप इस बजट को अच्छे दिन की शुरुआत मान ही लीजिए। 
 
प्रश्न : दद्दूजी, रेलमंत्रीजी ने इस बजट में नई ट्रेनों की घोषणा क्यों नहीं की?
 
उत्तर : क्योंकि नई ट्रेनों को धक्का लगाने लायक फंड रेलवे के मनी यार्ड में नहीं था। 
 
प्रश्न : दद्दूजी, मंत्रीजी के 5 लक्ष्यों में प्रमुख जोर रेलवे में यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ाने पर है। आप क्या कहेंगे इस बारे में?
 
उत्तर : देखिए, वे सुविधा अवश्य बढ़ाएं, पर इस बात का ध्यान जरूर रखें कि बढ़ी हुई सुविधा की एवज में यात्रियों को अधिक अघोषित सुविधा कर रेलवे स्टाफ को न चुकाना पड़ जाए। 

webdunia


 
प्रश्न : दद्दूजी, बजट में ट्रेनों की सफाई हेतु अलग से विभाग बनाने की घोषणा की गई है। क्या इस कदम से सफाई व्यवस्था में कोई सुधार आ पाएगा?
 
उत्तर : अवश्य आ पाएगा बशर्ते रेलवे के नाकारा सफाई कर्मचारियों के स्थान पर ट्रेन के ड‍िब्बों में प्रतिदिन लगातार सफाई करने के पश्चात यात्रियों से 1-2 रुपए मांगने वाले गरीब बच्चों और विकलांगों को इस विभाग में नौकरी दी जाकर उनके अच्छे दिन ला दिए जाएं। 
 
प्रश्न : दद्दूजी, बिना गार्ड के फाटकों पर अलार्म के प्रावधान से दुर्घटनाएं कम होंगी क्या?
 
उत्तर : शायद नहीं, क्योंकि अरक्षित समपार पर दुर्घटनाओं के शिकार अक्सर वे युवा लोग होते हैं जिन्हें कान में ईयर फोन लगा होने के कारण ट्रेन की आवाज सुनाई नहीं देती है। सोचने वाली बात यह है कि उन्हें अलार्म कैसे सुनाई देगा। 


ऐसी और खबरें तुरंत पाने के लिए वेबदुनिया को फेसबुक https://www.facebook.com/webduniahindi पर लाइक और 
ट्विटर https://twitter.com/WebduniaHindi पर फॉलो करें। 

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi