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पैरोडी़ - तुम्हें जिन्दगी के उजाले मुबारक
नेता उवाच
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महेन्द्र सांघीफिल्म : पूर्णिमा गीत- गुलजार बोल- तुम्हें जिन्दगी के उजाले मुबारक....... तुम्हें जिन्दगी के अंधेरे मुबारक उजाले हमें आज रास आ गए हैं। तुम्हें छोड़कर आसमां चढ़ गए हैंतुम्हें चीटियों-सा लघु पा रहे हैं। हमारे नफे से शिकायत न करना किस्मत हमारी, गल ये समझना कुर्सी है सूरज, उसे पा गए हैं उजाले हमें आज रास आ गए हैं। पीछे पड़े हो ये इल्जाम लेकर बहुत ऐश में हम, तुम्हें शोक देकर चलो थोड़ी खैरात बरसा रहे हैं उजाले हमें आज रास आ गए हैं।