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काला धन और भ्रष्टाचार का तालमेल

- सत सोनी

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बात हो रही थी काले धन और भ्रष्टाचार की। वह बोले, 'इस देश में कौन-सा ऐसा बिजनेस है जो नंबर दो के पैसे के बिना चलता हो। दरअसल, आज नंबर दो नंबर-वन बन चुका है। ईमानदारी से बिजनेस करोगे तो आपकी ज्यादातर आमदनी टेक्स में चली जाएगी और हो सकता है, एक दिन कारोबार बंद करना पड़े।'

मैंने कहा, 'लेकिन काले धन वाला एक न एक दिन पकड़ा जाता है। खबरें आती हैं कि फलाने के घर से बोरियों, कनस्तरों और तकियों में भरा धन मिला।'

वह बोले, 'वे निहायत बेवकूफ किस्म के लोग रहे होंगे। अक्ल से काम लेते तो बाल भी बांका नहीं होता। पैसे का दिखावा कभी नहीं करना चाहिए। मुझे ही देखिए कारखानेदार और एक्सपोर्टर हूं। लाखों रुपए का लेन-देन है। फिर भी तीन कमरों के मकान में रहता हूं।'

मैंने पूछा, 'क्या इनकम टैक्स वालों ने कभी आपको घेरा नहीं?' बोले, 'कभी नहीं, बल्कि मैंने ही दो-एक बार उन्हें लपेटा है। मैं एक-एक पैसे का हिसाब रखता हूं। सभी टैक्स देता हूं। इसके बाद भी उन्हीं के बनाए कानूनों का सहारा लेकर कुछ करोड़ बचा लेता हूं।'

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मैंने जानना चाहा, 'आप ब्लैक मनी का क्या करते हैं?' लोमड़ी जैसी हंसी के साथ उन्होंने कहा, 'आचार डालता हूं। अरे भाई, वही करता हूं जो मेरे जैसे बिजनेसमैन को करना चाहिए।'

अब मेरा सवाल था, 'क्या आप भी स्विट्जरलैंड गए हैं?' जवाब मिला, 'दो बार जा चुका हूं। मगर मेरा पैसा वहां के किसी बैंक में नहीं है।'

मैंने कहा, 'यह मांग दिन-ब-दिन जोर पकड़ती जा रही है कि विदेशी बैंकों में जमा भारतीयों का धन वापस लाया जाए..।' बोले, 'मैं पूरी तरह इस मांग का समर्थन करता हूं। टीवी वालों ने इस बारे में मेरा इंटरव्यू भी लिया था।'

मैंने याद दिलाया, 'अभी-अभी आपने कहा कि काले धन के बिना कारोबार किया ही नहीं जा सकता।' कहने लगे, 'भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में हाथ बंटाने में कौन-सा काला धन लगता है। अण्णा हजारे के अनशन के दौरान कई मशहूर हस्तियों ने जंतर-मंतर पहुंचकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। इनमें ऐसे लोग भी थे जिनके पास करोड़ों रुपए की ब्लैक मनी है। अब तुम पूछोगे कि विदेशी बैंकों में जमा काले धन की जांच हुई तो कई लोग फसेंगे।'

वह कहते चले गए, 'दुनिया में 200 देश हैं और लाखों बैंक। सरकार कहां-कहां जाएगी पूछताछ करने? और फिर इन आंदोलनकारियों ने विदेशी बैंकों में धन जमा करनेवालों का भला ही किया है। क्या आप समझते हैं कि इतना शोर मचने के बाद उन बैंकों में भारतीयों का काला धन अभी तक पड़ा होगा? अब तो 'सांप निकल गया, लकीर पीटा कर' जैसी स्थिति बन रही है।

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