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सर्वगुण संपन्न कैमरे - भाग 2

त्रि-आयामी दुनिया के 3D कैमरे

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हमें फॉलो करें सर्वगुण संपन्न कैमरे

राम यादव

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प्रकृति का हर रूप त्रिआयामी (थ्री-डाइमेंशनल) है, जबकि हमारे कैमरे उसे अब तक केवल दो आयामों (लंबाई-चौड़ाई) में ही दर्शाते रहे हैं। किसी वस्तु की मोटाई या दो वस्तुओं के बीच की दूरी दिखाने वाली गहराई का सूचक तीसरा आयाम अब तक उनकी पहुँच से बाहर रहा है।

सितंबर के आरंभ में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में लगे दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक मेले ने बिगुल बजा दिया था कि अब यह मोर्चा फतह हो कर रहेगा। सितंबर के अंत में, हर दो साल पर जर्मनी के ही कोलोन शहर में लगने वाले संसार के सबसे बड़े फोटो उद्योग मेले में, जिसे फोटोकीना कहा जाता है, देखा जा सकता था कि फोटोग्राफी का तीसरा आयाम केवल ब्लू-रे-डिस्क और टेलीविजन के पर्दे तक ही सीमित नहीं रहेगा, हर फोटो-कैमरे और हर कैमकॉर्डर तक पहुँच कर दम लेगा।

जापान की फूजीफि़ल्म कंपनी ने दो साल पहले इसी मेले में 3D डिजिटल फोटोग्राफी का श्रीगणेश किया था। फूजीफि़ल्म का इस बीच और भी विकसित और परिष्कृत नया कैमरा है। वह एक सच्चा त्रि-आयामी कैमरा है। उस के भीतर हमारी दाईं और बाईं आँख जैसी दो स्वतंत्र चित्रांकन प्रणालियाँ लगी हैं। बड़ी तेजी के साथ बारी-बारी से दायाँ-बायाँ चित्र खींचती हैं। एक पैरालैक्स-कंट्रोल दोनों चित्रों को इस तरह एक-दूसरे पर रखता है कि उनके मेल से, हमारे दिमाग में, गहराई का आभास देता त्रि-आयामी संयुक्त चित्र बने।


FinePix Real 3D W3
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यह कैमरा 10 मेगापिक्सल की स्पष्टता वाले त्रि-आयामी हाई डेफिनिशन (HD) वीडियो बनाता और फोटो खींचता है। त्रि-आयामी विशेषताओं को, बिना किसी 3D चश्मे के, सीधे कैमरे के अपने डिस्प्ले पर्दे पर भी देखा जा सकता है। त्रि-आयामी टेलीविजन पैनल हो, तब तो बात ही क्या है! फूजीफिल्म ने लेंटीक्युलर कहलाने वाली एक मुद्रण विधि भी विकसित की है, जिसकी सहायता से उसके 3D कैमरे के चित्रों की त्रि-आयामी प्रिंटकॉपी भी बनाई जा सकती है।

मजे की बात यह है कि सोनी और पैनासॉनिक जैसी वे कंपनियाँ भी, जो पहले फोटो कैमरे नहीं बनाती थीं, इस मैदान में कूद पड़ी हैं। वे भी बहुप्रयोजनीय एकीकृत कैमरे(मल्टी पर्पस) बाजार में उतार रही हैं। सबसे रोचक है पैनासॉनिक की युक्ति। उसने 'माइक्रो फोर-थर्ड्स स्टैंडर्ड' वाले अपने लूमिक्स कैमरों के लिए हमारी दोनों आँखों जैसी एक स्टीरियोस्कोपिक जुड़वाँ लेंस प्रणाली बनाई है।

यह एक ऐसा कनवर्टर ऑब्जेक्टिव है, जिसे किसी फिल्टर-लेंस की तरह कैमरे के पुनर्निर्मित लेंस के आगे जब चाहे तब लगा कर कैमरे को 2D से 3D लायक बना दिया, और जब चाहे तब हटा कर फिर से 2D पर लौट आए। 14 मेगापिक्सल (चित्रबिंदु) के बराबर स्पष्टता और 12 गुना ऑप्टिकल जूम वाला यह इंटरचेंजेबल ऑब्जेक्टिव फुल HD वीडियो और एकल चित्रों के लिए बना है। पैनासॉनिक की ओर से दो फुल HD 3D वीडियो कैमरे भी इसी साल बाज़ार में आने वाले हैं।

सोनी का A55 मिरर रिफ्लैक्स कैमरा
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जापान की ही सोनी कंपनी अपनी SLR मिरर रिफ्लैक्स A सीरीज (A560, A580, A33, A55) और NEX सीरीज को इस तरह बनाएगी कि इन कैमरों से त्रि-आयामी छविकरण भी हो सके। त्रि-आयामी आभास देने के लिए सोनी और कुछ दूसरी कंपनियाँ भी ऐसे कैमरे बना रही हैं, जिनकी ऑटोफोकस प्रणाली कैमरे को बहुत तेज़ी से एक ही समय अलग-अलग दूरियों पर फोकस करते हुए ऐसे कई चित्र लेती है, जिन्हें कैमरा क्षणभर में एक ऐसे चित्र में ढाल देता है।

जिसमें आगे से लेकर पीछे तक सब कुछ बिल्कुल साफ-साफ दिखाई पड़ता है। देखने वाले को लगता है कि यह वास्तविकता की त्रि-आयामी तस्वीर है।

ध्यान देने की बात यह भी है कि इन डिजिटल कैमरों में कोई फिल्म-रील या कैसेट नहीं लगती। वे अपने भीतर की हार्डडिस्क या मेमरी कार्ड पर रिकॉर्डिंग करते हैं, इसलिए कोई आवाज भी नहीं होती। अभी तो वे काफी महँगे हैं, पर समय के साथ सस्ते होते जाएँगे।

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