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Ganesh chaturthi 2024: गणेश उत्सव के प्रथम दिन की पूजा, उपाय, शुभ मुहूर्त और चंद्र दर्शन हो जाए तो क्या करें?

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WD Feature Desk

, शुक्रवार, 6 सितम्बर 2024 (12:12 IST)
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Ganesh chaturthi kab hai 2024: भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस दिन से 10 दिवसीय गणपति उत्सव प्रारंभ होते हैं। इस बार गणेश उत्सव कब से प्रारंभ होगा, 6 सितंबर या 7 सितंबर 2024 को इसको लेकर असमंजस बना हुआ है। आओ जानते हैं सही तिथि, पूजा के शुभ मुहूर्त और गणपति स्थापना के नियम।
 
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ- 06 सितम्बर 2024 को दोपहर बाद 03:01 बजे से।
चतुर्थी तिथि समाप्त- 07 सितम्बर 2024 को शाम 05:37 बजे तक।
 
गणेश उत्सव के प्रथम दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त:
- शुभ मुहूर्त: 11:03 से दोपहर 01:34 तक रहेगा।
- अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:54 से दोपहर 12:44 तक।
- विजय मुहूर्त : दोपहर 02:24 से दोपहर 03:14 तक।
- रवि योग: सुबह 06:02 से दोपहर 12:34 तक।
- सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 12:34 से अगले दिन सुबह 06:03 तक।
- गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं
 
गणेश चतुर्थी के शुभ उपाय:-
1. यदि आपके जीवन में बहुत परेशानियां आ रही हैं, तो आप गणेश चतुर्थी से लेकर विसर्जन तक 10 दिनों तक हाथी को हरा चारा खिलाएं और गणेश मंदिर जाकर अपनी परेशानियों का निदान करने के लिए प्रार्थना करें। इससे आपके जीवन की परेशानियां कुछ ही दिनों में दूर हो सकती हैं। यदि 10 दिनों तक नहीं कर सकते हैं तो चतुर्थी के दिन ही हाथी को भरपेट भोजन कराएं।
 
2. अगर आपको धन की इच्छा है, तो इसके लिए आप गणेश चतुर्थी को सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान श्रीगणेश को शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाएं। थोड़ी देर बाद घी व गुड़ गाय को खिला दें। ये उपाय 10 दिन तक करने से धन संबंधी समस्या का निदान हो सकता है।
 
3. यदि बिटिया का विवाह नहीं हो पा रहा है, तो गणेश चतुर्थी पर विवाह की कामना से भगवान श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाएं व व्रत रखें। शीघ्र ही उसके विवाह के योग बन सकते हैं।
 
4. यदि लड़के के विवाह में परेशानियां आ रही हैं, तो वह गणेश चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इससे उसके विवाह के योग बन सकते हैं।
 
5.  गणेश चतुर्थी पर शाम के समय घर में ही गणपति अर्थवशीर्ष का पाठ करें। इसके बाद भगवान श्रीगणेश को तिल से बने लड्डुओं का भोग लगाएं। इसी प्रसाद से अपना व्रत खोलें और भगवान श्रीगणेश से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
 
भूलवश चंद्र दर्शन हो जाए तो क्या करें?
चंद्र दर्शन दोष का निवारण: श्री गणेश चतुर्थी के दिन चतुर्थी तिथि शुरू होने से लेकर खत्म होने तक चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। यदि भूल से गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन हो जाएं तो मिथ्या दोष से बचाव के लिए स्यमंतक मणि वाली कथा सुनकर यथाशक्ति दान दक्षिणा देना चाहिए।
 
इसके अलावा दोष के निवारण के लिए नीचे लिखे मंत्र का पाठ करें। 
सिंहःप्रसेनमवधीत्, सिंहो जाम्बवता हतः। 
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।। 
इस मंत्र के जाप और ऊपर बताए गए उपाय से आप चंद्रदर्शन के कलंक से दोषमुक्त हो सकते हैं।
 

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