भगवान गणेश स्वयं रिद्धि और सिद्धि के दाता व शुभ-लाभ के प्रदाता हैं। वें भक्तों की बाधा, संकट, रोग-दोष तथा दारीद्र को दूर करते हैं। 10 दिनी गणेश स्थापना काल में गणपति की संकल्प पूर्वक साधना-आराधना करने से भक्त को चिंताओं से मुक्ति मिलती है, इच्छाएं पूर्ण होती है, मन स्थिर रहता है, अन्न व धन के भंडार में बरकत होती है तथा विघ्न दूर होकर सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
यह करें उपाय
विवाह के लिए : ॐ ग्लौम गणपतयै नमः की 11 माला तथा गणेश स्तोत्र का पाठ नित्य करें। मोदक का भोग लगाएं।
भूमि प्राप्ति के लिए : संकटनाशन गणेश स्तोत्र एवं ऋणमोचन मंगल स्तोत्र के 11 पाठ करें।
भवन के लिए : श्रीगणेश पंचरत्न स्तोत्र एवं भुवनेश्वरी चालीसा अथवा भुवनेश्वरी स्तोत्र का पाठ करें।
संपत्ति प्राप्ति के लिए : श्री गणेश चालीसा, कनकधारा स्तोत्र तथा लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें।
धन-समृद्धि के लिए : धनदाता गणेश स्तोत्र का पाठ तथा कुबेर यंत्र के पाठ के साथ ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः मंत्र की 11 माला नित्य करें।
नौकरी प्राप्ति के लिए : विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र का पाठ करें।