शनिदेव 25 अगस्त की शाम 5 बजकर 19 मिनट पर वृश्चिक राशि में मार्गी हो रहे हैं। 25 अगस्त को ही शुभ-लाभ और समृद्धि के दाता गौरी पुत्र गणेश उत्सव प्रारंभ होगा। इस बार 58 साल बाद शनि की मार्गीय में गणेश जी विराजेंगे। शनि के मार्गीय होने से सभी राशियों में बेहतर प्रभाव देखने को मिलेगा।
इस वर्ष गणेशोत्सव 10 की जगह 11 दिन का मनाया जाएगा। 12वें दिन 5 सितम्बर को अनंत चतुदर्शी के दिन गणेश जी का विसर्जन होगा।
गणेश स्थापना के समय शनि के मार्गी होने की शुभ घड़ी वर्ष 1959 में बनी थी। शनि के मार्गी होने के अतिरिक्त इस दिन हस्त नक्षत्र में अमृत योग, रवियोग, शुभ योग एवं सूर्य, बुध दिव्य योग बन रहे हैं जो गणेश जी की स्थापना के लिए अत्यंत शुभ है। गणेश जी की उपासना करने वालों से शनिदेव हमेशा प्रसन्न रहते हैं।