जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय...
एक दन्त दयावन्त चार भुजा धारी।
माथे सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय...
अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय...
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥ जय...
दीनन की लाज रखो, शम्भु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊँ बलीहारी॥ जय...
सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची।
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची।
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची।
कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची॥
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती।
दर्शनमात्रे मन कामनांपुरती॥ जय देव...
रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा।
चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा।
हिरेजड़ित मुकुट शोभतो बरा।
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरीया॥ जय देव...
लंबोदर पीतांबर फणीवर बंधना।
सरळ सोंड वक्रतुण्ड त्रिनयना।
दास रामाचा वाट पाहे सदना।
संकष्टी पावावें, निर्वाणी रक्षावे,
सुरवरवंदना॥ जय देव...
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको।
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको।
हाथ लिए गुडलद्दु साँई सुरवरको।
महिमा कहे न जाय लागत हूँ पादको ॥1॥
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता ॥धृ॥
अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि।
विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी।
कोटीसूरजप्रकाश ऐबी छबि तेरी।
गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि ॥2॥
भावभगत से कोई शरणागत आवे।
संतत संपत सबही भरपूर पावे।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे।
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे ॥3॥
घालीन लोटांगण वंदीन चरण।
डोळ्यांनी पाहिन रूप तुझे ।
प्रेमें आलिंगीन आनंद पूजन।
भावे ओवाळिन म्हणे नामा॥
त्वमेव माता पिता त्वमेव।
त्वमेव बंधुः सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव।
त्वमेव सर्वं मम देवदेव॥
कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा।
बुध्यात्मना वा प्रकृति स्वभावत्।
करोमि यद्यत् सकलं परस्मै।
नारायणायेती समर्पयामि॥
अच्युतं केशवं राम नारायणम्।
कृष्णदामोदरं वासुदेवं भजे।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभम्।
जानकीनायकं रामचंद्रं भजे॥
जय गणेशाय नमः
प्रारंभी विनती करू गणपती विद्यादयासागरा।
अज्ञानत्व हरोनी बुद्धि मती दे आराध्य मोरेश्वरा
चिंता, क्लेश, दरिद्र दुःख अवघे,
देशांतरा पाठवी।
हेरंबा गणनायका गजमुखा भक्तां बहू तोषवीं॥
गाईए गणपति जगवंदन
शंकर सुवन भवानी के नदंन
सिद्धी सदन गज वदन विनायक
कृपासिंधु सुन्दर सब लायक
मोदक प्रियमुद मंगलदाता
विद्यावारिधि बुद्धिविधाता
माँगत तुलसीदास कर जोरे
बसहि रामसिय मानस मोरे
गाईए गणपति जगवंदन
शंकर सुवन भवानी के नदंन