31 अगस्त 2022 बुधवार से गणेशोत्सव प्रारंभ हो रहे हैं। 10 दिनों यानी अतंत चतुर्दशी तक चलते वाले इस महोत्वस के दौरान भगवान गणेशजी की मूर्ति को घर में स्थापित करके विधिवत रूप से उनकी पूजा की जाती है। इस 10 दिनों तक कई तरह के नियमों का पालन करने पड़ता है और भूलकर भी 10 तरह की गलतियां न करें नहीं तो पूजा का फल नहीं मिलेगा।
गणेश चतुर्थी पर न करें ये भूल (ganesh chaturthi par na kare ye bhul):
1. किसी का अपमान न करें : इस दौरान बुजुर्ग, महिला और बच्चों का अपमान न करें। बच्चों पर बच्चों पर हाथ न उठाएं।
2. हिंसा से दूर रहें : इन 10 दिनों में मन, वचन और कर्म से हिंसा से दूर रहें। मन में बुरे भाव न आने दें।
3. शारीरिक संबंध न बनाएं : इस दौरान शारीरिक संबंध बनाना अच्छा नहीं माना जाता। अत: ब्रह्मचर्य का पालन करें।
4. तामसिक भोजन न करें : इस दौरान मांस, मटन, मछली या अंडे जैसा तामसिक भोजन न करें। भूमि के अंदर उगने वाले कंदमूल जैसे प्याज-लहसुन, मूली, चुकंदर, गाजर का सेवन नहीं करना चाहिए।
5. पहले बप्पा को भोग लगाना न भूलें : कुछ भी खाने से पहले बप्पा को भोग लगाएं इसके बाद ही भोजन करें।
6. बप्पा को अकेला न छोड़ें : घर से बाहर जा रहे हैं तो परिवार का कोई न कोई सदस्य घर पर रहे, उन्हें अकेला छोड़ कर न जाएं।
7. ये बुरे कार्य न करें : जुआ न खेलें। निंदा, चुगली करने से बचें। क्रोध न करें, संयम से काम लें। झूठ नहीं बोलें। किसी का उपहास न करें। किसी को धोखा न दें। बुरी आदत से दूर रहें। नशा न करें।
8. पवित्रता का रखें ध्यान : घर में गंदगी न करें। प्रतिदिन स्नान करें। कोई महिला पीरियड से हैं तो पवित्रता का ध्यान रखें।
9. तुलसी वर्जित : भगवान गणेश के व्रत और पूजा में तुलसी का उपयोग नहीं किया जाता इसलिए पूजा, प्रसाद या घर पर पकने वाले भोजन में तुलसी न डालें।
10. उचित रीति से ही करें विसर्जन : मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाएं तो अगर आस-पास कोई पवित्र जलस्रोत नहीं हैं तो गणेश जी की मूर्ति को घर में ही बाल्टी, ड्रम या मिट्टी में विसर्जित करें। अगर घर पर संभव न हो तो मूर्ति को विसर्जन के लिए पास के किसी प्राकृतिक जलाशय में ले जाएं। विसर्जन से पहले घर पर ही पूजा, आरती और भोग करें।