गणगौर का शुभ और सुंदर पर्व है आज, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तिथि तृतीया को गणगौर तीज का व्रत रखा जाता है।
अखंड सौभाग्य के लिए गणगौर तीज का व्रत करते हैं। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधि विधान से की जाती है। गण का अर्थ भगवान शिव एवं गौर का अर्थ माता पार्वती से है। इस दिन सुहागन महिलाएं एवं विवाह योग्य कन्याएं व्रत रखती हैं। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु एवं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं, जबकि विवाह योग्य कन्याएं मनपसंद वर या जीवनसाथी की कामना से गणगौर तीज व्रत रखती हैं।आइए जानते हैं कि गणगौर तीज कब है और पूजा का मुहूर्त क्या है?
गणगौर तीज 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 03 अप्रैल को दोपहर 12:38 बजे से शुरु हो रही है।यह तिथि अगले दिन 04 अप्रैल को दोपहर 01:54 बजे तक मान्य है।उदयातिथि के आधार पर तृतीया तिथि 04 अप्रैल को है। ऐसे में इस साल गणगौर तीज व्रत 04 अप्रैल को रखा जाएगा।
गणगौर तीज 2022 पूजा मुहूर्त
04 अप्रैल को प्रीति योग सुबह 07:43 बजे से लग रही है और रवि योग भी बन रहा है। इस दिन रवि योग दोपहर 02:29 बजे से लेकर अगले दिन 05 अप्रैल को सुबह 06:07 बजे तक है। इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 11:59 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक है।
गणगौर पूजा
गणगौर के दिन रेणुका का गौर बनाते हैं।गौर माता पार्वती की प्रतीक हैं।भगवान शिव और पार्वती की साथ में पूजा करते हैं। माता पार्वती को सुहाग सामग्री जैसे महावर, चूड़ी, सिंदूर, साड़ी, हल्दी, कुमकुम आदि चढ़ाया जाता है।अक्षत्, फूल, धूप, दीप, गंध आदि से शिव और गौरी की पूजा करते हैं।दूध, दही, जल, कुमकुम और हल्दी से सुहागजल बनाया जाता है और फिर उसे दूर्वा से माता गौरी पर चढ़ाते हैं।उसके बाद सुहागन महिलाएं स्वंय पर छिड़कती हैं।पूजा के समय गणगौर तीज की कथा सुनते हैं।माता गौरी को अर्पित किए गए सिंदूर को महिलाएं स्वयं लगाती हैं, ताकि उनको भी अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त हो।