बिहार के एक लोस क्षेत्र में 'राम' के नाम पर भरोसा
पटना , सोमवार, 28 अप्रैल 2014 (17:03 IST)
पटना। बिहार में एक ऐसा लोकसभा क्षेत्र है, जहां के मतदाता सिर्फ 'राम के नाम पर' ही अब तक भरोसा जताते आ रहे हैं।इसे संयोग ही कहा जाएगा कि बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में 37 वर्षों से यहां के मतदाताओं की पसंद राम ही रहे हैं। इसी वजह से इस क्षेत्र से 'राम' अब तक सांसद बनते रहे हैं। हाजीपुर (सु) सीट से जीतने वाले नेता भले ही पार्टियां बदलते रहे हैं, लेकिन 'राम' नाम का साया हर चुनाव में बरकरार रहा है।वर्ष 1977 में हाजीपुर को सुरक्षित सीट घोषित किया गया। इसके बाद से 37 वर्षों में यहां चुनाव जीतने वाले राम ही रहे हैं। इस क्षेत्र से जीतने वाले नेताओं का नाम राम के नाम से ही शुरू होता है। वर्ष 1977 से यहां 10 बार लोकसभा के चुनाव हुए और अब 11वां चुनाव 5वें चरण में 7 मई को होना है।इस क्षेत्र से 3 नेता सांसद बने। सुरक्षित सीट बनने के बाद सबसे पहले रामविलास पासवान, दूसरे रामरतन राम और तीसरे रामसुंदर दास को मतदाताओं ने संसद में पहुंचाया।वर्ष 1977 में इस लोकसभा क्षेत्र से पहला चुनाव रामविलास पासवान ने भारतीय लोकदल के टिकट से जीता। इसके बाद वे वर्ष 1980 में जनता पार्टी (सेक्यूलर), वर्ष 1989, 1996 और 1998 में जनता दल, वर्ष 1999 में जनता दल यू और 2004 में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के टिकट पर लोकसभा का चुनाव हाजीपुर से जीते।कांग्रेस के रामरतन राम 1984 में इस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते। उन्होंने इस चुनाव में रामविलास पासवान को हराया था। रामसुंदर दास 1991 और 2009 में हाजीपुर से सांसद चुने गए। वर्ष 1991 में जनता दल और 2009 में जदयू के टिकट पर दास चुनाव लड़े।इस बार भी इस क्षेत्र से दो राम हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से लोजपा के रामविलास पासवान और जदयू से रामसुंदर दास। (वार्ता)