नई दिल्ली। भाजपा ने भले ही इस चुनाव में विकास को हिन्दुत्व के मसले पर तरजीह दी हो लेकिन गोरखपुर से लगातार 4 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके उसके प्रत्याशी योगी आदित्यनाथ को हिन्दुत्व के एजेंडे पर ही जीत का यकीन है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे हिन्दू-मुसलमान को बांटकर वोट नहीं मांग रहे।मात्र 26 बरस की उम्र में 1998 में पहली मर्तबा लोकसभा का चुनाव जीतने वाले योगी आदित्यनाथ गोरक्षनाथ मठ के महंत हैं और 1999, 2004 और 2009 में भी गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।पिछली बार उनकी जीत का अंतर 1,42,309 वोट का था और उन्हें इसमें इजाफे का यकीन है। इस बार उनका सामना बसपा के रामभुआल निषाद, सपा के राजमति निषाद, कांग्रेस के अष्टभुज तिवारी और 'आप' के प्रो. राधेमोहन मिश्रा से है।आदित्यनाथ ने कहा कि पूरे देश में राजनीतिज्ञों के सामने सबसे बड़ा संकट विश्वसनीयता का है, क्योंकि उनका जनता से संवाद नहीं है। गोरखपुर में ऐसा नहीं है और मैंने पहला चुनाव जिन मुद्दों और विचारधारा पर लड़ा, आज भी उन्हीं पर काम कर रहा हूं। ऐसा नहीं है कि भाषण में कुछ और कहूं और बाद में काम कुछ और करूं। उन्होंने कहा कि वे हिन्दुत्व और विकास के मुद्दों पर आज भी कायम हैं।उनके अनुसार, मेरा मुद्दा हिन्दुत्व और विकास का है, जो एक-दूसरे के पूरक हैं। हिन्दुत्व इस देश में विकास और सुरक्षा की गारंटी है और भाजपा का भी नारा सभी का विकास और सबका साथ है।भाजपा के गढ़ रहे गोरखपुर में आदित्यनाथ से पहले महंत अवैद्यनाथ ने 1989, 1991 और 1996 में चुनाव जीता था। कांग्रेस ने आखिरी बार यह सीट 1984 में जीती थी, जब शीला कौल यहां से चुनी गई थीं।
कभी पूरा नहीं होगा मुलायम का यह सपना... अगले पन्ने पर...
मुसलमानों की भूमिका के बारे में पूछने पर इस 42 वर्षीय हिन्दूवादी नेता ने कहा कि हम लोग हिन्दू या मुसलमान के नाम पर वोट नहीं मांग रहे हैं। भारत की राष्ट्रीयता पर जिनका विश्वास है, वे ही व्यक्ति मुझे वोट करें और जिनका नहीं है, वे कतई न करें। पूर्वी उत्तरप्रदेश में मैंने डुमरियागंज जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों का भी दौरा किया है।
उन्होंने कहा कि हम सभी को सुरक्षा देंगे और सबका विकास करेंगे लेकिन हम अपेक्षा करते हैं कि कोई भी कौम खुद को कानून और संविधान से ऊपर नहीं माने।
सांप्रदायिकता की राजनीति के आरोपों पर उन्होंने कहा कि हमारे यहां 1947 से जिस तरह की राजनीति हो रही है, उसमें यहां की सांस्कृतिक धारा को नकारा गया है। यह माना गया है कि हिन्दुत्व की बात करना रूढ़िवाद का प्रतीक है। उसे सांप्रदायिक रूप देकर लांछित और अपमानित किया गया लेकिन हिन्दू कोई मजहब या पूजा-पद्धति नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीयता का प्रतीक है।
उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी के सफाए का दावा करते हुए इस भगवाधारी नेता ने अमेठी में भी इस बार चौंकाने वाले नतीजे आने का दम भरा।
उन्होंने कहा कि मोदी लहर का भाजपा को पूरे देश में फायदा मिल रहा है और उत्तरप्रदेश में भी कथित धर्मनिरपेक्षता के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाने वाली पार्टियों को लेकर काफी आक्रोश है।
आदित्यनाथ ने कहा कि सपा का पूरे राज्य में सफाया होने जा रहा है। यदि वे बूथ कैप्चरिंग न करें और चुनाव ईमानदारी से हो जाए तो उसे 6 या 7 सीटें बमुश्किल मिलेंगी।
मुलायम सिंह यादव का प्रधानमंत्री बनने का सपना कभी पूरा नहीं होने वाला, क्योंकि तीसरा मोर्चा अस्तित्व में ही नहीं होगा। जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो राहुल गांधी इस बार चुनाव जीत सकेंगे, इसी में संदेह है।
उन्होंने कहा कि हम लोगों ने पहले गलती नहीं की होती तो वे कभी अमेठी से जीत नहीं पाते लेकिन इस बार स्मृति ईरानी काफी मजबूती से लड़ी हैं और चुनाव परिणाम चौंकाने वाले होंगे।
वाराणसी सीट के बारे में उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के आगे कोई नहीं टिकने वाला। उन्होंने कहा कि वाराणसी में मोदी की लहर नहीं, आंधी है और केजरीवाल समेत बाकी सभी की जमानतें जब्त होने वाली है। (भाषा)