कैराना : बसपा के किले पर मोदी की आंधी का असर
शामली , रविवार, 6 अप्रैल 2014 (12:42 IST)
शामली। उत्तरप्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले के शामली जिले में गत वर्ष हुए दंगों का भूत राज्य की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) को सताने में कसर नहीं छोड़ रहा है और कैराना लोकसभा सीट का चुनाव भी इससे अछूता नहीं है।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज क्षेत्रीय नेता हुकुम सिंह कैराना विधानसभा सीट से 4 बार विधायक रह चुके हैं और इस बार लोकसभा प्रत्याशी के रूप में इस सीट पर ताल ठोंक रहे हैं।दंगों के बाद मुसलमानों एवं हिन्दू मतों में ध्रुवीकरण और मुसलमानों के जाहिरा तौर पर सपा से मोहभंग राजनीतिक पंडितों के अनुसार कैराना लोकसभा सीट पर भाजपा एवं बसपा के बीच मुख्य लड़ाई का संकेत दे रहा है।बसपा प्रमुख मायावती ने इस बार वर्तमान सांसद तबस्सुम हसन का टिकट काटकर उनके देवर कंवर हसन को मैदान में उतारा है। उनके सामने है सपा प्रत्याशी के रूप में उनका भतीजा यानी तबस्सुम हसन का पुत्र नाहिद हसन।लगभग 15 लाख मतदाताओं वाली कैराना लोकसभा सीट सहारनपुर एवं शामली जिलों में फैली है जिसकी 5 विधानसभा सीटों में से 2 पर भाजपा, 2 पर कांग्रेस तथा 1 पर बसपा का कब्जा है और इस सीट पर 35 प्रतिशत मुसलमान मतदाता हैं।भाजपा के हुकुमसिंह पिछले चुनाव में बसपा प्रत्याशी से 22 हजार मतों से हार गए थे। रालोद एवं कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में अवतार सिंह भड़ाना एवं आम आदमी पार्टी (आप) ने सुनील कसाना को यहां उम्मीदवार बनाया है।बसपा ने यहां पर कंवर हसन सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है तो सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी ने नाहिद हसन को प्रत्याशी बनाया है।इस सीट पर सपा मुसलमानों एवं प्रदेश में अपनी सरकार होने के भरोसे ताल ठोंक रही है जबकि कंवर हसन पार्टी के वोट बैंक एवं बिरादरी के वोट मिलने की संभावनाओं के सहारे अपनी जीत पक्की मानकर चल रहे हैं।मोदी लहर के चलते भाजपा के हुकुम सिंह अपनी जीत सुनिश्चित मानकर चल रहे हैं जबकि रालोद एवं आप प्रत्याशी अभी से ही दौड़ से बाहर होते दिखाई दे रहे हैं।इस सीट पर यदि हिन्दू और मुसलमान वोटों का ध्रुवीकरण होता है तो फिर भाजपा एवं बसपा के बीच कांटे की टक्कर होना तय है। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा यहां किसी भी विधानसभा सीट पर अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी।जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नगेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि इस सीट पर 10 अप्रैल को मतदान होगा और प्रशासन चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष एवं स्वतंत्र मतदान के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने बताया कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरूकता, रैली, सभाओं आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है और मतदान केंद्रों पर गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। (वार्ता)