अलप्पुझा : दिग्गजों में हो सकता है कड़ा मुकाबला
अलप्पुझा (केरल)। ‘पूर्व के वेनिस’ नाम से पहचाने जाने वाले केरल के अलप्पुझा में 10 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनावों में नागरिक उड्डन मंत्री और कांग्रेस के उम्मीदवार केसी वेणुगोपाल और माकपा के सीबी चंद्रबाबू के बीच कड़ा मुकाबला है। अलप्पुझा अपने बैकवॉटर्स और हाउसबोटों के लिए प्रसिद्ध है।वेणुगोपाल के सामने इस सीट को बचाना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि पिछले चुनावों में किए गए वादे न निभाए जाने से स्थानीय लोग नाराज हैं। वेणुगोपाल ने यह सीट वर्ष 2009 के चुनावों में एलडीएफ से 57000 वोटों के अंतर से हासिल की थी।इन वादों में अलप्पुझा में कार्गो कॉम्प्लेक्स बनाना, बाई-पास को पूरा करना और इलाके के कृषि क्षेत्र के सुधार के लिए कुट्टनाड पैकेज को लागू करने में रही खामियां आदि शामिल हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इसके अलावा सौर घोटाले की आरोपी सरिता एस. नायर के साथ वेणुगोपाल के कथित संपर्क ने भी उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया है।इस घोटाले में सरिता और उसके साथी बीजू राधाकृष्ण पर आरोप लगा था कि उन्होंने लोगों को सौर उर्जा चालित उपकरणों के प्रस्ताव देकर और उसके लिए भारी राशि लेकर उनसे धोखा किया था। हालांकि वेणुगोपाल ने हमेशा यह कहा है कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में बाईपास के लिए और कई नए पर्यटक निवेश लाने के लिए हरसंभव कार्य किया है।चंद्रबाबू लोकसभा चुनावों के लिए एक नया चेहरा हैं। इन्हें सहकारी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पहचाना जाता है। केरल में कम्युनिस्ट आंदोलन का गवाह रह चुके इस निर्वाचन क्षेत्र में पिछले दो दशकों में अधिकतर अवसरों पर कांग्रेस के प्रत्याशी विजयी रहे हैं।यहां के लोगों ने हमेशा राजनीति को महत्व दिया है। यह क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री एवं रक्षामंत्री एके एंटोनी, माकपा के वरिष्ठ नेता और विपक्षी नेता वीएस अच्युतानंदन और केंद्रीय मंत्री वॉयलर रवि का चुनावी मैदान रहा है और यहां चुनावी मुकाबला हमेशा कड़ा रहा है। (भाषा)