फूलपुर में चार कोणीय मुकाबले की उम्मीद
इलाहाबाद , शुक्रवार, 28 मार्च 2014 (17:01 IST)
इलाहाबाद। फूलपुर लोकसभा सीट पर 4 कोणीय दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है जिसे कांग्रेस 25 वर्ष के बाद अपनी झोली में डालना चाहती है, भाजपा पहली बार जीतना चाहती है, बसपा बरकरार रखना चाहती है जबकि सपा वापस पाना चाहती है।इस क्षेत्र की विडंबना यह है कि एक समय जवाहरलाल नेहरू का चुनाव क्षेत्र रही इस सीट से हाल के समय में माफिया सरगना से नेता बने अतीक अहमद ने जीत हासिल की।यद्यपि इस बार के चुनाव में यहां खड़े उम्मीदवारों में से नेहरू के कद का कोई उम्मीदवार नहीं है लेकिन उम्मीदवारों की पसंद और किए गए वादों के चलते रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद है।कांग्रेस ने यहां से पूर्व टेस्ट क्रिकेटर मोहम्मद कैफ को उतारकर सभी को चौंका दिया था। कांग्रेस ने संभवत: ऐसा मुस्लिम मतदाताओं की पर्याप्त संख्या के मद्देनजर किया।ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी कैफ के शहरी मतदाताओं से जुड़ने की क्षमता पर भरोसा कर रही है जिनकी संख्या में इस क्षेत्र में हाल में हुए परिसीमन के बाद तेज वृद्धि हुई है। इस शहर के अधिकतर मतदाता परिसीमन के बाद फूलपुर के मतदाता बन गए हैं जिसमें पहले इलाहाबाद जिले के गंगापार का क्षेत्र ही आता था। भाजपा ने अपना भरोसा केशव प्रसाद मौर्या पर जताया है, जो कि अन्य पिछड़ी जाति से आते हैं। वे पड़ोसी कौशांबी जिले के सिराथू से वर्तमान विधायक हैं।क्षेत्र में अपना दल का कुर्मी और पटेल समुदायों के बीच अच्छा प्रभाव है जिनकी संख्या इस संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक है। 1984 से 1999 के बीच हुए सभी 6 लोकसभा चुनावों में पटेल उम्मीदवार ही विजयी रहे।भाजपा ने कभी यहां से जीत दर्ज नहीं की है लेकिन पार्टी को नरेन्द्र मोदी की लहर तथा अपना दल के साथ हुए समझौते के बल पर इस बार अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। इससे पार्टी का पटेल वोट मिलने की उम्मीद है।यद्यपि सबसे विश्वसनीय पटेल चेहरा सपा की ओर से उतारा गया है। सपा के उम्मीदवार धर्मराज पटेल 1999 में इस सीट से निर्वाचित हुए थे। 5 वर्ष बाद उन्हें टिकट न देकर अतीक अहमद को दे दिया गया।2009
में पटेल कांग्रेस के टिकट पर उतरे। इस बीच बसपा ने इस बार अपने वर्तमान सांसद एवं जाति से ब्राह्मण कपिलमुनि करवारिया पर दूसरी बार भरोसा जताया है। 'आप' ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन की कार्यकर्ता शिमला श्री को उतारा है। (भाषा)