इंदौर। मध्यप्रदेश की दिवंगत कांग्रेस नेता जमुनादेवी की सियासी विरासत के उत्तराधिकार की प्रत्यक्ष होड़ में धार लोकसभा क्षेत्र में ममेरे भाई-बहन का चुनावी द्वंद्व चर्चा का रोचक विषय बना हुआ है।
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित क्षेत्र में आम आदमी पार्टी (आप) की प्रत्याशी हेमलता ढांड (67) ने अपने ममेरे भाई और कांग्रेस उम्मीदवार उमंग सिंघार (40) के खिलाफ चुनावी मोर्चा संभाला हुआ है।
अपने जीवन का पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहीं हेमलता दिवंगत कांग्रेस नेता जमुनादेवी की बेटी हैं जबकि धार जिले के गंधवानी क्षेत्र के मौजूदा कांग्रेस विधायक सिंघार जमुनादेवी के भतीजे हैं।
‘बुआजी’ के रूप में मशहूर जमुनादेवी सूबे की दिग्गज आदिवासी नेता थीं और अपने पैतृक क्षेत्र धार में लंबे वक्त तक उनका खासा वर्चस्व रहा है। यही वजह है कि धार लोकसभा सीट से मैदान में उतरे सिंघार और हेमलता खुद को जमुनादेवी के असली सियासी वारिस के रूप में पेश करके मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
सिंघार ने बुधवार को कहा कि धार क्षेत्र के लोग जानते हैं कि मैंने 20 साल तक जमुनादेवी के साथ काम किया है, लेकिन इस दौरान हेमलता कहां थीं? लोग यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि ऐन लोकसभा चुनावों से पहले उनके मन में जमुनादेवी की प्रेरणा से आदिवासियों की सेवा करने की तथाकथित भावना कैसे उमड़ पड़ी?
कांग्रेस उम्मीदवार ने धार लोकसभा सीट से 'आप' के टिकट पर हेमलता के चुनाव लड़ने से चुनावी मुकाबले के त्रिकोणीय हो जाने की संभावना को सिरे से खारिज किया। भाजपा ने जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष सावित्री ठाकुर को अपनी प्रत्याशी के रूप में धार के चुनावी मैदान में उतारा है।
सिंघार ने दावा किया कि धार क्षेत्र में आम आदमी पार्टी का कोई सियासी वजूद ही नहीं है। उधर, हेमलता से जब पूछा गया कि वे बतौर चुनावी प्रतिद्वन्द्वी अपने ममेरे भाई को किस तरह आंकती हैं? तो उन्होंने कहा कि मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे खिलाफ कौन चुनाव लड़ रहा है।
मैं आम आदमी पार्टी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक काम कर रही हूं और अपनी दिवंगत मां के कामों को आगे बढ़ाना चाहती हूं। मैं लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार के मुद्दे के साथ आदिवासियों के सवाल उठाऊंगी।
उन्होंने कहा कि मेरी दिवंगत मां भले ही कांग्रेस में रही हों, लेकिन मैं उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर मानती हूं। हेमलता पेशे से चिकित्सक हैं। वे करीब 40 साल की सरकारी सेवा के बाद वर्ष 2012 में सेवानिवृत्त हुई थीं। उन्होंने महीनेभर पहले ही आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली है।
कांग्रेस आलाकमान ने धार के मौजूदा पार्टी सांसद गजेंद्रसिंह राजूखेड़ी का टिकट काटकर सिंघार को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।
वैसे सिंघार धार लोकसभा सीट से दूसरी बार किस्मत आजमा रहे हैं। वे वर्ष 2004 में इस सीट से बतौर कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें भाजपा प्रत्याशी छतरसिंह दरबार के हाथों 32,611 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। (भाषा)